लखनऊ ।। भारतीय जनता पार्टी को कैराना और नूरपुर चुनाव में पटकनी देने के लिए विपक्ष जो एकजुटता कायम रखे हैं वह अगर टूट जाती है तो भारतीय जनता पार्टी को यह चुनाव जीतना आसान हो जाएगा। तो वहीं इस चुनाव में एक पार्टी की अहम भूमिका रहने वाली है और एक प्रत्याशी का नाम सामने आने से भाजपा में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कैराना सीट को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती एवं रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह से मशविरा करके ही कोई फैसला करेंगे। इसमें उन्हें 3 से 4 दिन लग सकते हैं। तो वहीं इस चुनाव रालोद की अहम भूमिका रहने वाली है।
पढ़िए- उप चुनाव: कैराना लोकसभा सीट को लेकर अखिलेश यादव ने बनाई ये रणनीति, मुलायम सिंह…
रालोद यह चुनाव गठबंधन से लड़ना चाहती है और वह मिशन 2019 के पहले वेस्ट यूपी के सामाजिक समीकरणों को दुरुस्त करने के लिए कैराना सीट पर विपक्षी दलों के गठबंधन से जयंत चौधरी को चुनाव लड़ना चाहता है।
रालोद ने पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में बहुत काम किया है। अजित सिंह व जयंत के कई दौरे हो चुके हैं। शामली व थाना भवन विधानसभा सीट पर रालोद का अधिक प्रभाव है। उसकी इस उपचुनाव में अहम भूमिका होगी।
पढ़िए- मिशन 2019 को लेकर मुलायम सिंह ने संभाली कमान, शिवपाल के साथ इस जिले की…
आपको बता दें कि साल 2017 में पांचों विधानसभा क्षेत्रों में कुल इतने मत मिले थे, भाजपा 4,32,569, कांग्रेस/सपा 3,51,630, बसपा 2,08,225, रालोद 86,655। अगर इस समीकरण से देखा जाए तो कांग्रेस और सपा के गठबंधन में 3,51,630 वोट प्राप्त हुए थे। यदि सपा-बसपा, कांग्रेस और
रालोद ये चारों गठबंधन कर ले तो भाजपा यह सीट पूरी तरह से गवां बैठेगी।
_303468866_100x75.png)
_1914643910_100x75.png)
_944480782_100x75.png)
_1606360460_100x75.png)
_2025748990_100x75.png)