23 साल से एक ही जिले में जमे इंजीनियर को चुनाव के समय बचा रहे बड़े ओहदेदार

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लखनऊ। ग्रामीण अभियंत्रण महकमे के अधिशासी अभियंता शिवशंकर उपाध्याय 23 साल से सिद्धार्थनगर जनपद में तैनात हैं। एक विशेष दल को सपोर्ट कर रहे हैं। इससे चुनाव प्रभावित होने की आशंका है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गई है। आयोग ने सिद्धार्थनगर के जिला निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट भी तलब की। पर यह शिवशंकर का रसूख ही है कि उनके बचाव में जिले के बड़े ओहदेदार आ गए हैं। यही कारण है कि जिला निर्वाचन अधिकारी उनकी रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश करने में आनाकानी कर रहे हैं।

आपको बता दें कि शिवशंकर उपाध्याय ने अपनी नौकरी की शुरूआत भी सिद्धार्थनगर से की थी। तब वह अवर अभियंता के पद पर तैनात हुए थे। उसके बाद जब उनका प्रमोशन हुआ और वह सहायक अभियंता की कुर्सी पर आसीन हुए तो थोड़े समय के लिए उनका तबादला गैर जनपद में हो गया। पर सत्ता के गलियारे में अपने रसूख के दम पर वह फिर अपनी तैनाती सिद्धार्थनगर कराने में सफल रहें।

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मजे की बात यह है कि उसके बाद फिर उनका प्रमोशन अधिशासी अभियंता के पद पर हुआ। पर फिर उन्होंने अपनी तैनाती सिद्धार्थनगर जनपद में करा ली। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह जनपद उनके गृह मंडल के तहत आता है और नियमों के मुताबिक किसी उच्च अधिकारी की तैनाती उसके गृह मंडल के जनपद में नहीं की जा सकती। पर शिवशंकर उपाध्याय लगातार कई वर्षों से शासन के अफसरों को गुमराह करने में सफल रहे हैं। चुनाव दर चुनाव उनकी तैनाती यथावत है।

तमाम अफसरों का ऐन चुनाव के समय अन्यत्र जिलों में तबादला हो जाता है। पर शिवशंकर उपाध्याय की तैनाती पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। निर्वाचन आयोग को भेजी गई शिकायत में उनके कारनामों का जिक्र है। हालांकि जब इस बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी कुणाल सिल्कू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट आयोग को भेज देंगे।

फोटो- फाइल

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