गिर सकती है कुमारस्वामी की सरकार, येदियुरप्पा ने भाजपा विधायकों से कहा- जल्द मिलेगी खुशखबरी

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New Delhi. कर्नाटक में दो विधायकों आर शंकर व एच नागेश के सरकार से समर्थन वापसी के बाद राजनीतिक स्थिति रोचक हो गई है। इससे सरकार पर ज्यादा असर तो नहीं पड़ेगा, लेकिन कांग्रेस व जेडीएस का अंदरूनी असंतोष बाहर आया तो सत्ता समीकरण बदल सकते हैं। भाजपा अपने सभी 104 विधायकों के साथ दिल्ली के पास हरियाणा के नूंह के एक रिसोर्ट में डेरा डाले हुए हैं। वह अपने कुनबे तो टूट से बचाए रखने के साथ राज्य में सारी संभावनाओं को टटोल रही हैं।

भाजपा व सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेताओं ने मंगलवार को भी एक दूसरे पर तोड़ फोड़ के आरोप लगाए हैं। हालांकि टूट-फूट से बचाए रखने के लिए दोनों पक्ष अपने अपने दावे कर रहे है। भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने अपने विधायकों के साथ बैठक में कहा कि जल्दी ही खुशखबरी आने वाली है। माना जा रहा है दोनों पक्ष अपने खेमों को टूट से बचाने के लिए ऐसे दावे कर रहे हैं।

अति आत्मविश्वास से बचने की सलाह

भाजपा आलाकमान कर्नाटक की स्थिति पर करीबी नजर रखे हैं। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले में अति आत्मविश्वास से बचने की सलाह दी है। बीते साल विधानसभा चुनाव नतीजे आने पर भी भाजपा ने सरकार बना ली थी, लेकिन वह विश्वास मत पर जरूरी बहुमत नहीं जुटा सकी थी।

बहुमत का आंकड़ा

224 सदस्सीय विधानसभा में एक मनोनीत विधायक को मिलाकर संख्या 225 हो जाती है। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 113 पर है। भाजपा के पास 104 विधायक है, जबकि कांग्रेस के 79 व जद (एस) के 37 विधायकों से उनके पास पूरा बहुमत है। ऐसे में जब तक बड़ी तोड़ फोड़ नहीं होती है, सरकार को खतरा नहीं है।

भाजपा ला सकती है अविश्वास प्रस्ताव

भाजपा के कर्नाटक के नेताओं के दावे को माना जाए को कांग्रेस व जेडीएस के लगभग दस विधायक मौजूदा सरकार से नाराज हैं। विधानसभा के भीतर मतदान की स्थिति में वह सरकार के खिलाफ मतदान कर सकते हैं। ऐसे में भाजपा आगामी विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताल लाने की तैयारी कर रही है। यह भी महत्वपूर्ण है कि कर्नाटक के इस संकट पर पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता सिद्धरमैया व भाजपा के बेल्लारी के रेड्डी बंधुओं की तरफ से बयान नहीं आए हैं। उनकी चुप्पी भी काफी अहम मानी जा रही है।

भाजपा की कोशिश सफल नहीं होगी: दानिश

इस बीच, जेडीएस महासचिव दानिश अली ने कहा है कि कर्नाटक सरकार विपक्षी एकता का एक प्रतीक है। इससे भाजपा बौखलाई हुई है। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन होने का बाद बौखलाहट और बढ़ी है। इसलिए वह सरकार को अस्थिर करने कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें सफल नहीं होगी।

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