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नई दिल्ली।। प्रधानमंत्री द्वारा पकौड़ा बेचने सम्बन्धी रोजगार के मुद्दे पर दिया गया बयान

अब सदन तक पहुंच गया है। सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद

अमित शाह ने सदन में अपना पहले भाषण के दौरान उन्होंने रोजगार को लेकर पीएम मोदी

के बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस को मजाक न बनाने की नसीहत दी।

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गौरतलब है कि हाल में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से रोजगार सृजन को लेकर पूछे

गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि अगर कोई पकौड़ा बेचकर हर रोज 200 रुपये कमाता

है तो उसे भी नौकरी के तौर पर देखा जाना चाहिये। पीएम मोदी के इसी बयान को लेकर विपक्षी दल

लगातार टिप्पणी कर रहे हैं। वहीँ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस पर कमेंट

करते हुए ट्वीट किया था कि, “प्रधानमंत्री ने कहा था कि पकौड़ा बेचना भी एक रोजगार है। उस तर्क

से तो भीख मांगना भी रोजगार है। चलिए जीने के लिये भीख मांगने के लिए बाध्य गरीब या विकलांग

व्यक्तियों को भी रोजगार वाले व्यक्तियों के तौर गिन लेते हैं।”

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सदन में अपने पहले भाषण के दौरान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने चिदंबरम के बयान का जिक्र किया और कहा कि “पकौड़ा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि “पकौड़ा बनाना नहीं बल्कि, उसकी तुलना भिखारी के साथ करना शर्म की बात है।”

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अमित शाह ने कहा कि “अगर कोई पकौड़े बेचकर रोजगार करता है और अपने बच्चों को पढ़ाता-लिखाता है, तो आगे चलकर उसके बच्चे कुछ बन सकेंगे। उन्होंने पीएम मोदी का भी हवाला दिया और कहा कि जैसे एक चाय बेचने वाले व्यक्ति का बेटा देश का प्रधानमंत्री बना है, वैसे पकौड़े वाले का बेटा भी आगे जाकर कुछ बन सकता है।

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हालाँकि, अमित शाह ने ये भी माना कि देश में बेरोजगारी की समस्या है। लेकिन इसके लिये उन्होंने कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि हमें सरकार में सेवा देना का कम ही मौका मिला है और जो हमारी पार्टी की सरकार ने किया है, वो पिछले 60 सालों में नहीं हुआ था।

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