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नई दिल्ली ।। High Court ने एक जनहित याचिका को लेकर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि दलित शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई जाए। संविधान मे इस वर्ग से आने वाले लोगों को अनुसूचित जाति और जनजाति के रूप में संबोधित किया गया है।

मध्यप्रदेश High Court की ग्वालियर बेंच ने एक जनहित याचिका को लेकर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि किसी भी सरकारी दस्तावेज या अन्य किसी जगह पर ‘दलित’ शब्द का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

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याचिकाकर्ता डॉ. मोहन लाल माहौर ने याचिका में कहा कि संविधान में दलित शब्द का कोई जिक्र नहीं हैं। High Court ने दलित शब्द का इस्तेमाल किसी भी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में किए जाने पर रोक लगाने को कहा है।

साथ ही कहा है कि इसके लिए अब संविधान में बताए शब्द ही इस्तेमाल में लाए जाने चाहिए।संविधान में इस शब्द (दलित) का कोई उल्लेख नहीं है। संविधान मे इस वर्ग से आने वाले लोगों को अनुसूचित जाति और जनजाति के रूप में संबोधित किया गया है।

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High Court ने जारी किए आदेश मे कहा है कि दलित शब्द का इस्तेमाल किसी भी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में नहीं किया जाए। यह आदेश पूरे मध्य प्रदेश में लागू होगा।

2008 में National SC Commission ने सारे राज्यों को निर्देश दिया था कि राज्य अपने आधिकारिक दस्तावेजों में दलित शब्द का इस्तेमाल न करें।

फोटोः फाइल

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