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News Desk. GST में सैनिटरी नैपकिन को 12 फीसदी टैक्स स्लैब में रखने पर विवाद जारी है। इसी सिलसिले में मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के कुछ छात्र-छात्रों ने सेनेटरी नैपकिन को टैक्स फ्री करने के लिए अभियान चलाया है। इसी के चलते महिलाओं ने 1000 से ज्यादा सेनेटरी नैपकीन प्रधानमंत्री को भेजने की तैयारी कर ली है। खास बात यह कि इन पर एक मैसेज भी लिखा हुआ है।

 

सैनिटरी नैपकिन

 

सोशल मीडिया पर मिल रहा काफी समर्थन

बता दें कि इस अभियान को चार जनवरी को शुरु किया गया था, उसके बाद इसे सोशल मीडिया पर काफी समर्थन मिल रहा है। कई छात्रों का कहना है कि सरकार को उनकी मांगे माननी चाहिए। इस अभियान के तहत छात्रों ने तीन मार्च तक सरकार को 1,000 पैड भेजने का लक्ष्य रखा है।

 

सैनिटरी नैपकिन

GST के बाद महंगा हुआ सेनेटरी नैपकीन

ग्वालियर की रहने वाली प्रीति देवेंद्र जोशी ने पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी तरफ महिलाओं द्वारा मासिक धर्म के दौरान यूज किए जाने वाले सेनेटरी नैपकीन को ‘लग्जरी सामान’ में गिना गया है। उनका कहना है कि नैपकीन पहले ही महंगा था, ऐसे में उस पर टैक्स लगाने से अब यह और भी महंगा हो गया है।

 

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पीएम मोदी से महिलाओं को उम्मीद

प्रीति ने कहा कि जिस तरह से नैपकीन की दरें बढ़ी हैं उसे देखकर तो लग रहा है कि आने वाले वक्त में मध्यवर्ग की महिलाएं भी इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी, जिसका सीधा असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ेगा। अभियान को चलाने वाली महिलाओं को उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर नैपकीन को जीसटी के दायरे से बाहर करने की कोशिश करेंगे।

 

फोटो-फाइल

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