उत्तराखंड ।। विश्व आतंकी मसूद अजहर पर बैन लगाने की हिंदुस्तान की कोशिशें आखिरकार सफल हो गई हैं। बुधवार देर शाम हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन ने मसूद अज़हर मामले पर लगाया हुआ अपना टेक्नीकल वीटो वापस ले लिया और इसके साथ ही परिषद ने मसूद पर बैन लगाने की औचारिकता को मिनटों में समेट कर हिंदुस्तान को वह सब दे दिया, जिसके लिए देश पिछले 3 साल से पुरजोर कोशिश कर रहा था।
तो अब जबकि मसूद अज़हर ग्लोबल आतंकी घोषित हो चुका है, आइए इस बात पर नजर डालते हैं कि मसूद को आतंकी घोषित करने से दुनिया भर में इसका क्या असर होगा? हिंदुस्तान के लिए यह कितना मुफीद है और इसके बाद आतंक के काले कारोबार पर इसका क्या असर होगा?
मसूद अज़हर पर बैन हिंदुस्तान के लिए एक बेहद अहम कूटनीतिक जीत लेकर आया है। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को मसूद अजहर को “वैश्विक आतंकवादी” के रूप में नामित किया। आपको बता दें कि पहले कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चला चुके अजहर को 1994 में उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था।
लेकिन, कंधार विमान अपहरण कांड के बाद हिंदुस्तान सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था। उसके बाद से जैश ने हिंदुस्तान में एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया है। 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट हमला और हाल में ही पुलवामा हमले की जिम्मेदारी इस संगठन ने ली।
मासूस के बैन होने के पीछे सबसे अहम है कश्मीर फैक्टर। कश्मीर में आतंकी वारदात के वजह से मसूद कको दुनिया भर में आतंकी घोषित किया जाना हिंदुस्तान के लिहाज से बेहद अहम है। क्योंकि कश्मीर को दुनिया के कई देश हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच विवाद का मुद्दा मानते रहे हैं, ऐसे में मसूद का कश्मीर हिंसा मामले को लेकर आतंकी घोषित होना कहीं न कहीं हिंदुस्तान का दावा कश्मीर पर और भी मजबूत करता है।