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लखनऊ ।। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार में पिछले 2 सालों से चल रही आपसी जंग समाप्त हो गई। तो वहीं अब सपा नेता रामगोपाल यादव और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच के सभी मतभेद दूर हो गए।

आपको बता दें कि शिवपाल एक सहकारी बैंक में संचालक मंडल की मीटिंग में उन्होंने कहा कि उनके और रामगोपाल यादव के बीच दिल्ली में वार्ता हो चुकी है। अब सभी एकजुट होकर सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ संघर्ष करेंगे।

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इटावा में कड़े संघर्ष की शुरुआत चौबिया तथा बलरई थाना पुलिस द्वारा जारी उत्पीडऩ को लेकर की जाएगी। बोले, योगी सरकार में पुलिस बेलगाम है। चौबिया व बलरई पुलिस आम लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर रही है। इसके प्रमाण के लिए कई वीडियो भी मिले हैं।

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उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार में सड़कों पर जनता जिस आक्रोश के साथ विरोध प्रदर्शन कर रही है, उससे ये दोनों सरकारें ज्यादा नहीं चल पाएंगी। सपा-बसपा गठबंधन से उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया सुनिश्चित है।

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भाजपा के किए सभी वादे जुमले साबित हुए। जीएसटी-नोटबंदी ने छोटे दुकानदारों और लघु उद्योग चलाने वालों को चौपट कर दिया है। कुछ खास पूंजीपति जनता की खून-पसीने की कमाई बटोर रहे हैं।

अब समाजवादी पार्टी की पूरी तरह से मजबूत दिखाई दे रही है, जिससे कयास लगाए जा रहे है कि वह 2019 लोकसभा का चुनाव भारी मतों से जीत सकते हैं और भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ सकती है।

फोटोः फाइल

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