उत्तराखंड ।। महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में एक ऐसा वाकया हुआ जिसने ईमानदारी को एकबार फिर से जीवंत कर दिया। औरंगाबाद शहर के काशीनाथ मार्तंडराव गवली उस समय हैरत में पड़ गए जब उनके सामने केन्या का एक सांसद खड़ा नजर आया। काशीनाथ को देखते ही उस सांसद की आंखें भर आईं। वहीं काशीनाथ का पूरा परिवार भी इमोशनल नजर आया।
दरअसल, केन्या के सांसद व विदेश मामलों की समिति के उपाध्यक्ष रिचर्ड न्यागका टोंगी 1985 से 1989 तक महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रहकर मौलाना आजाद कॉलेज में पढ़े। उन्होंने वानखेड़ेनगर नगर में कॉलेज के सामने ही एक कमरा किराए पर ले रखा था। वहीं किराने की एक दुकान थी, जहां से टोंगी सामान खरीदते थे। एक बार उनके पास दुकानदार की दो सौ रुपए की उधारी हो गई थी।
बाद में टोंगी स्वदेश लौटे तो राजनीति में शामिल हो गए व न्यारीबरी चाचे निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भी बने। हालांकि इस दौरान उन्हें दो सौ रुपए की उधारी न चुकाने की बात कचोटती रही। उन्होंने हिंदुस्तान आकर इस उधारी को चुकाने का फैसला लिया। टोंगी को हिंदुस्तान आने का मौका ही नहीं मिल रहा था।
पिछले हफ्ते पीएम मोदी से मुलाकात के लिए केन्या का शिष्टमंडल हिंदुस्तान आया था। संयोगवश टोंगी भी इस शिष्टमंडल में शामिल थे। दिल्ली का कार्यक्रम पूरा करने के बाद वह 22 साल पुराने कर्ज को लौटाने के मकसद से वाइफ मिशेल के साथ औरंगाबाद पहुंचे।
बहुत देर तक वह मकान किराना दुकानदार को ढूंढते रहे। काफी ढूंढने के बाद उनकी मुलाकात काशीनाथ से हो गई। जब गवली को टोंगी के आने की वजह का पता चला तो वह काफी इमोशनल हो गए। टोंगी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मैंने 22 साल पहले दो सौ रुपए का कर्ज लिया था जिसे मैंने नहीं चुका पाया था। मैंने गवली को धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने उस समय मेरी सहायता की जब मैं संघर्ष कर रहा था। आज मुझे ये कर्ज चुकाकर सुकून मिला।