नई दिल्ली ।। हिंदुस्तान का चंद्रयान 2 मिशन अपने लक्ष्य पर भले ही सटीकता से ना पहुंच पाया हो, लेकिन उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं। जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रयान 2 के ऑर्बिट ने चंद्रमा की सतह पर मौजूद लेंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर को ढूंढ लिया है। ISRO के पास चांद की सतह पर मौजूद इस डिवाइस की सटीक लोकेशन है।
हालांकि इसी बीच खबर प्राप्त हो रही है कि ISRO के अगले मिशन में उसे 2 बड़े देशों की मदद मिलने वाली है।।जानकारी के लिए बता दें कि हिंदुस्तान का अगला मिशन गगनयान होगा, जिसमें हिंदुस्तान कई अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा और उन पर कई तरह की रिसर्च करेगा।
जानकारी के लिए बता दें कि हिंदुस्तान के उन सभी अंतरिक्ष यात्रियों को फ्रांस और रूस एक साथ मिलकर ट्रेनिंग देंगे जो गगनयान में बैठकर अंतरिक्ष में जाने वाले हैं। क्योंकि यह दोनों देश अच्छी तरह से जानते हैं कि ISRO अंतरिक्ष में कुछ भी कर सकता है। ऐसे में यदि ISRO का साथ दिया जाए तो मानव सभ्यता को अगले स्तर तक ले जाया जा सकता है।
आपको बता दें कि वर्तमान समय में NASA के पास अंतरिक्ष में किसी भी समय मनुष्यों को सफलतापूर्वक भेजने का रिकॉर्ड है। लेकिन यदि ISRO का गगनयान मिशन सफल होता है तो यह रिकॉर्ड हिंदुस्तान के नाम भी हो जाएगा। यही वजह है कि ISRO अपने इस मिशन पर काफी ज्यादा ध्यान दे रहा है।