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लखनऊ। योगी सरकार मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही विभागों के पुनर्गठन का काम और मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकती है। सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ विभागों का पुनर्गठन और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का काम कर लेंगे। इसे लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई, जिसमें विभागों के बंटवारे को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो दिल्ली की मुहर लगने के बाद मंत्रियों के नाम फाइनल होंगे।

हालांकि विभागों के पुनर्गठन पर मुहर लग गई है। नीति आयोग की सलाह पर योगी सरकार ने विभागों के पुनर्गठन के लिए आईएएस संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। कमेटी द्वारा रिपोर्ट पेश किया जा चुका है। इस रिपोर्ट में मौजूदा 95 विभागों को घटाकर 57 रखने का सुझाव दिया गया है।

इन 31 विभागों को पूर्व की तरह बनाए रखने की सिफारिश

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सहकारिता, सिंचाई एवं जल संसाधन, राजस्व, भूतत्व एवं खनिकर्म, लोक निर्माण, परिवहन, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, समाज कल्याण, आयुष, चिकित्सा शिक्षा, पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अल्पसंख्यक कल्याण व वक्फ, वित्त, स्टांप एवं पंजीयन, सूचना, आबकारी, सतर्कता, सार्वजनिक उद्यम, कारागार प्रशासन एवं सुधार, निर्वाचन विभाग, सचिवालय प्रशासन, न्याय, संसदीय कार्य, विधायी, विधान परिषद सचिवालय, विधानसभा सचिवालय और मुख्यमंत्री कार्यालय।

रिपोर्ट के मुताबिक परिवार कल्याण, आयुष, मेडिकल एजुकेशन, मातृ एवं शिशु कल्याण जैसे विभागों को एक कर स्वास्थ विभाग में, बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकि शिक्षा और प्रोफेशनल एजुकेशन को मिलाकर एक शिक्षा विभाग, गन्ना विभाग, सूखा राहत विभाग, कृषि विभाग, कृषि अनुसंधान, खाद्य प्रसंस्करण विभाग को कृषि विभाग में, स्टॉम्प, मनोरंजन कर, बांट माप विभाग ऐसे ही मिलते जुलते विभागों को राजस्व विभाग में, ग्रामीण विकास से जुड़े विभागों को एक साथ करने की योजना है।

मंत्रिमंडल से कुछ को मिलेगी संगठन की जिम्मेदारी

दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई नेताओं की संगठन में वापसी हो सकती है। कुछ लोग संगठन से सरकार में भी जा सकते हैं। बीजेपी सभी समीकरणों को ध्यान में ऱखते हुए मंत्रिमंडल में फेरबदल करेगी। मंत्रिमंडल में कुछ प्रमुख लोगों का कद बढ़ेगा तो कुछ को संगठन का अतिरिक्त प्रभार दिया जाएगा।

विभागों के बंटवारे पर बीजेपी नेताओं का मानना है कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। बीजेपी प्रवक्ता हीरो वाजपेयी कहते हैं कि कुछ मंत्री सांसद बन चुके हैं और इसलिए उचित समय पर कुछ और विधायक मंत्री बनेंगे और कुछ के विभागों का बंटवारा भी होगा। इसका इंतजार है।

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