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Up Kiran, Digital Desk: दीपिका पादुकोण ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री को लेकर एक और बड़ा बयान दिया है, जो बॉलीवुड के हर कोने में गूंज रहा है। उनका कहना है कि अब वह 500-600 करोड़ रुपये की फिल्में करने के लिए उतनी उत्साहित नहीं होतीं। दीपिका का मानना है कि अब वह पैसे और शोहरत से कहीं ऊपर उठ चुकी हैं।

फिल्मों से ज्यादा कहानी कहने में दिलचस्पी
दीपिका पादुकोण ने 2007 में फराह खान की फिल्म ओम शांति ओम से बॉलीवुड में कदम रखा था और अब, करीब 18 साल बाद, उनका नजरिया पूरी तरह बदल चुका है। उन्होंने हॉपर बाज़ार से बातचीत में कहा, "मेरे लिए अब रोमांचक वो चीज़ नहीं है जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा करे या फिल्में करोड़ों कमाएं। अब मुझे जो चीज़ उत्साहित करती है, वो है कहानी की ताकत और इसे दर्शकों तक पहुंचाने की क्षमता।"

दीपिका का मानना है कि वह अब इस स्तर पर हैं, जहां वे सिर्फ बड़ी फिल्में ही नहीं, बल्कि रचनात्मकता और कहानी के साथ जुड़ी फिल्मों पर ध्यान दे रही हैं। उन्होंने कहा, "मैं एक ऐसे प्लेटफ़ॉर्म पर हूं, जहां मैं नई प्रतिभाओं को सशक्त बना सकती हूं।"

"शूजित सरकार के साथ पीकू बनाने की कहानी"
दीपिका ने यह भी बताया कि पीकू जैसी फिल्म उनके लिए एक सपना सच होने जैसा था। शूजित सरकार के साथ उनका अनुभव अविस्मरणीय था। उन्होंने कहा, "शूजित सरकार से पहली मुलाकात में ही मुझे समझ में आ गया था कि यह कहानी हमें दुनिया को बतानी होगी। अब, मुझे फिल्मों के प्रॉफिट के आंकड़े नहीं, बल्कि उनके कंटेंट में जो सशक्तता और संदेश है, वही ज्यादा अहम लगता है।"