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यूपी किरण ब्यूरो
लखनऊ।। यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को रेप केस के मामले में जो जमानत मिली थी, उसमें काफी विवाद हुआ था। लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि गायत्री प्रजापति को किसी साजिश के चलते जमानत दी गई थी।
गायत्री को 10 करोड़ रुपए के ऐवज में जमानत दी गई थी। इस रकम में से 5 करोड़ रुपए उन तीन वकीलों को दिए गए और साथ में जज भी शामिल है। जो मामले में मिडिएटर का रोल निभा रहे थे।
जानकारी के अनुसार, इंटैलिजेंस ब्यूरो ने गायत्री के केस से जुड़े जज ओपी मिश्रा की पॉक्सो कोर्ट में पोस्टिंग में घूसखोरी की बात कही है। मिश्रा की ईमानदारी संदेह के घेरे में है और उनकी इमेज भी अच्छी नहीं है।
जांच में सामने आया है कि एसोसिएशन के पदाधिकारी तीन वकीलों ने मिश्रा की पॉक्सो कोर्ट में तैनाती की डील फिक्स कराई। गायत्री को जमानत मिलने के तीन-चार हफ्ते पहले मिश्रा के चैंबर में डिस्ट्रिक्ट जज और तीनों वकीलों के बीच कई बार मीटिंग हुई। आखिरी मीटिंग 24 अप्रैल को हुई और इसी दिन प्रजापति ने मिश्रा की कोर्ट में जमानत अर्जी दी थी।
फोटोः फाइल
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