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यूपी किरण ब्यूरो

रायबरेली/उत्तर प्रदेश।। शिवगढ़ थाना क्षेत्र के द्वंदगढ़ गांव में गुरुवार को घर के अंदर मां-बेटे की जिंदा जलकर मौत हो गई। ग्रामीणों ने पहुंचकर आग बुझाकर दोनों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मायके पक्ष का आरोप है कि दहेज के खातिर आए दिन महिला को प्रताड़ित किया जा रहा था और ससुराल पक्ष खुदकुशी किए जाने की बात कह रहा है।

पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लखनऊ जिले के नगराम थाना क्षेत्र के माया असलम नगर की रहने वाली शांति (25) की शादी वर्ष 2013 में शिवगढ़ थाना क्षेत्र के द्वंदगढ़ निवासी राजेश के साथ हुई थी।

राजेश मनरेगा श्रमिक है। सुबह अचानक घर के अंदर से धुआं उठा तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीण घर के अंदर पहुंचे तो देखा कि शांति व उसका डेढ़ वर्षीय बेटा रचित आग की चपेट में आ गए हैं।

किसी तरह ग्रामीणों ने आग को बुझाया, लेकिन तब तक मां-बेटे गंभीर रूप से झुलस चुके थे। सीएचसी के बाद दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

जिला अस्पताल में बेटे रचित की मौत हो गई, जबकि शांति की लखनऊ ट्रॉमा सेंटर ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।दोनों के शरीर से केरोसिन महक रहा था।

घटना की सूचना पर मायका पक्ष के लोग मौके पर पहुंचे। महिला के पिता रामदीन और मां माधुरी का आरोप है कि दहेज की खातिर उसकी बेटी शांति का उत्पीड़न किया जा रहा था।

दहेज में बाइक व नगदी की डिमांड पूरी न होने पर शांति व उसके बेटे रचित को जलाकर मार दिया गया। घटना पति, ससुर सूर्यपाल और सास ने मिलकर किया है। कहना है कि छह महीने पहले भी दोनों को जलाने का प्रयास किया था, लेकिन बच गए थे।

फोटोः फाइल

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