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लखनऊ ।। यह देखिए एक पत्रकार और भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी की बातचीत। मामला बलरामपुर जिले का है। राष्‍ट्रीय स्‍वरूप के पत्रकार भाजपा के मीडिया प्रभारी को यह शिकायत कर रहे हैं कि उनके द्वारा बनाई गई लिस्‍ट में उनका नाम क्‍यों नहीं है? और भाजपा यह तय करेगी कि कौन जिले में पत्रकार है और कौन नहीं है?

मीडिया प्रभारी सफाई देते हैं कि जल्‍दी में लिस्‍ट का दूसरा पन्‍ना जारी नहीं हो पाया था, लेकिन पत्रकार मानने को तैयार नहीं होता है।

इसी के बाद भाजपा के मीडिया प्रभारी पत्रकार को गालियां बकने लगता है झटि…उखाड़ लिहा भोस..के। 20 ठो कौन अखबारवाला है माधड़…। पंडित माधड़… बतइहन कि फर्स्‍ट सेकेंड कौन है? दरअसल, इस मामले में भाजपा के मीडिया प्रभारी ने जिस तरीके की भाषा का इस्‍तेमाल किया है, वह निहायत ही घटिया है। आडियो सुनकर आप समझ जाएंगे कि संस्‍कारवान भाजपा में अब कैसे लोग घुस आए हैं।

दरअसल, यह केवल बलरामपुर जिले का ही मामला नहीं है। भाजपा के मीडिया देखने वाले अपने हिसाब से पत्रकारों को ओबलाइज करते हैं। तीन-चार बड़े अखबार और चैनलों को छोड़कर वह किसी को पत्रकार नहीं मानते हैं। उसी हिसाब से वह पत्रकारों के साथ व्‍यवहार भी करते हैं। आप पूरी बातचीत सुनकर अनुमान लगा सकते हैं कि पत्रकारों की हालत क्‍या हो गई है और भाजपाई सरकार बनते ही अपने को क्‍या समझने लगे हैं?

साभार- प्रहार लाइव डाट काम

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