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लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए राज में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। मंत्रियों का जुगाड़ से निजी सचिव बनवाने को लेकर जो अब तक होता आया है, उस पर नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोक लगा दी है। साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि निजी सचिव से नई सरकार में आय-ब्यय का ब्यौरा भी मांगा जा सकता है।

मंत्रियों से रू-ब-रू होते हुए सीएम ने यह निर्देश दिए कि कोई भी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री या राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अपनी मनमानी से निजी सचिव नियुक्त नहीं करवा सकेंगे। इसके लिए कुछ मापदंड़ों का ध्यान रखा जाएगा। इसका फैसला एक समिति करेगी, जिसकी निगरानी खुद सीएम सचिव की टीम करेगी। यह भी कहा गया है कि मंत्रियों के निजी सचिव के आचरण व्यवहार को लेकर पिछले रिकॉर्ड का भी ध्यान रखा जाएगा। यह भी अहम होगा कि वह किस किस विभाग में रहे हैं। इसको लेकर पूर्ववर्ती सरकारों में तैनाती का ब्योरा भी मांगा गया है।

इसके पहले तक यह रिवाज था कि कोई भी मंत्री अपने करीबियों या अधिक पसंद व्यक्ति को ही निजी सचिव बननावे को लेकर लेटर जारी करते थे और वैसा ही हो जाता था।

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