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केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों में 80 फीसदी की कमी

मोदी सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों में 67 फीसदी की बढ़ोत्तरी, टॉप पर रेलवे

नई दिल्ली ।। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों में 80 फीसदी की कमी आई है, जो कि देश के इतिहास में एक रिकॉर्ड है। वहीं केंद्र की मोदी सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों में 67 फीसदी की बढोतरी दर्ज की गई है।

CVC के मुताबिक केंद्र सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों के खिलाफ मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों में वर्ष 2015 के मुकाबले में 2016 में 67 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है और रेलवे इस सूची में शीर्ष पर है। सीवीसी ने कहा कि रेलवे से जुड़ी 11 हजार से अधिक शिकायतें मिलीं हैं।

रेलवे के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय और टेलिकॉम मिनिस्ट्री का नंबर है। सीवीसी द्वारा हाल में संसद में रखी गई वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग को वर्ष 2016 में कुल 49,847 शिकायतें मिलीं, जो 2015 की 29,838 शिकायतों से करीब 67 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘आयोग को राज्य सरकारों तथा अन्य संगठनों में कार्यरत लोक सेवकों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिलीं, जो या तो आयोग के क्षेत्राधिकार में नहीं आतीं या प्रशासनिक प्रकृति की हैं।’

रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2015 में मिली शिकायतों की संख्या वर्ष 2014 में मिली कुल 62, 363 शिकायतों से 50 प्रतिशत से भी कम रहीं। सीवीसी को वर्ष 2013 और 2012 में कथित भ्रष्टाचार के क्रमश: 31,432 और 37,039 शिकायतें मिली थीं।सीवीसी ने कहा है कि इस तरह की सबसे ज्यादा 11,200 शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ मिली हैं। इनमें से 8,852 को निपटा लिया गया है, जबकि 2,348 मामले लंबित हैं। रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ 1,054 शिकायतें छह महीने से अधिक समय से लंबित हैं। जबकि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के तहत आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों की संख्या में 80 फीसदी से अधिक की कमी आई है। केजरीवाल सरकार में साल 2016 में मात्र साल 969 शिकायतें मिली हैं, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 5,139 था। दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों में यह गिरावट देश के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।

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