उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने परमाणु परीक्षण और साथ ही अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण पर विराम लगाने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण कोरिया ने इस घोषणा का स्वागत किया है. उत्तर कोरिया के इस कदम को कोरियाई प्रायद्वीप और इसके इर्दगिर्द घूम रही कूटनीति के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. प्रायद्वीप को विभाजित करने वाले ‘असैन्यकृत क्षेत्र’ में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई – इन के साथ जोंग उन की प्रस्तावित मुलाकात से महज एक हफ्ता पहले यह घोषणा अत्यंत अहम मानी जा रही है. इसके बाद जोंग उन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ भी मई या जून माह में मुलाकात कर सकते हैं.
बहरहाल, जोंग उन ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार रोक सकता है. उत्तर कोरिया ने जमीन के नीचे थर्मोन्यूक्लियर आयुध के परीक्षण समेत कई परमाणु परीक्षण किए. उसने तीन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का भी परीक्षण किया, जिसके बाद किम जोंग – उन ने इसके नवंबर में पूरा होने की घोषणा की थी. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि किम मजबूत स्थिति में है और उसके वार्ता के दौरान अपने परमाणु हथियारों में कटौती करने पर राजी होने की संभावना कम है. दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि किम अपनी टूटी अर्थव्यवस्था को कड़े प्रतिबंधों से बचाने का प्रयास कर रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने किया स्वागत
पार्टी ने निर्णय लिया है कि परमाणु विस्फोटों एवं आईसीबीएम परीक्षण शनिवार (21 अप्रैल) तक बंद हो जाएंगे और पारदर्शिता की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए पुंग्ये-री के परमाणु परीक्षण स्थल को ध्वस्त किया जाएगा. इस घोषणा के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह उत्तर कोरिया और पूरे विश्व के लिए एक अच्छी खबर है और एक बड़ी प्रगति है.’’
नवंबर के बाद से कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया
उत्तर कोरिया ने नवंबर के बाद से कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है. किम ने कहा, ‘‘डीपीआरके को अभी किसी परमाणु परीक्षण और मध्यम दूरी एवं अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की जरूरत नहीं है.’’ उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’’ के अनुसार जोंग उन ने सत्तारूढ़ पार्टी की केंद्रीय समिति से कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थलों की अब कोई आवश्यकता नहीं है.’’
दक्षिण कोरिया ने भी सराहा
साथ ही उन्होंने कहा कि वह किम के साथ होने वाले शिखर सम्मेलन को लेकर उत्साहित हैं. वहीं दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया का यह कदम ‘‘परमाणु निरस्त्रीकरण’’ की दिशा में एक ‘‘सार्थक प्रगति’’ है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा, ‘‘उत्तर कोरिया का निर्णय परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में एक सार्थक प्रगति है, जैसा विश्व चाहता है.’’