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Up kiran,Digital Desk : कुशीनगर से एक ऐसी खबर आई है, जिसने पिछले 30 घंटों से पुलिस और आम जनता की सांसे थाम रखी थीं। भगवान का शुक्र है कि मेडिकल कॉलेज के एमसीएच विंग से चोरी हुआ नवजात बच्चा अब सही-सलामत मिल गया है। एक माँ की सूनी गोद फिर से भर गई है।

30 घंटे का तनाव और पुलिस की दौड़-भाग

घटना कुशीनगर मेडिकल कॉलेज की है, जहां बुधवार को एक बच्चा वार्ड से गायब हो गया था। पुलिस ने इसे चुनौती की तरह लिया। एसपी से लेकर थानेदार तक सब अलर्ट मोड पर थे। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल किए गए और पर्चे बंटवाए गए। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और बच्चा पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मनिकौरा गांव (पश्चिम टोला) से बरामद कर लिया गया।

कौन थी बच्चा चोर और कैसे दिया वारदात को अंजाम?

कहानी में जो खुलासा हुआ है, वो हैरान करने वाला है। बच्चा चुराने वाली महिला का नाम माया देवी बताया जा रहा है। मजे की बात यह है कि वह अस्पताल में चोरी करने नहीं, बल्कि अपनी चचेरी देवरानी 'पूनम' को देखने आई थी, जिसकी डिलीवरी हुई थी।

वहां रहकर उसने पूरी रात माहौल का जायजा लिया (रेकी की)। फिर मौका देखकर उसने दूसरे बेड पर भर्ती महिला 'रीना' के नवजात बेटे को अपना शिकार बनाया। उसने बहाना बनाया कि वह बच्चे को खिलाने या दूध पिलाने ले जा रही है और उसे लेकर रफूचक्कर हो गई। सीसीटीवी फुटेज में उसे रविंद्र नगर से पडरौना की तरफ बच्चे को ले जाते हुए देखा गया, जिससे पुलिस को अहम सुराग मिला।

प्रधान को खुद बताई सच्चाई और फिर फरार

कहानी में नया मोड़ तब आया जब माया देवी ने खुद गांव के प्रधान प्रतिनिधि हरेंद्र साहनी के पास जाकर अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वो बच्चा उसी ने उठाया है। प्रधान जी जब उसके घर पहुंचे तो देखा कि बच्चा कपड़ों में लिपटा हुआ पड़ा है। उन्होंने तुरंत पुलिस को खबर दी।
लेकिन, पुलिस के पहुंचने से पहले ही माया देवी वहां से अपनी खुद की बच्चियों को छोड़कर फरार हो गई। फिलहाल बच्चा अस्पताल में वापस भर्ती है और सुरक्षित है, लेकिन पुलिस अब उस फरार महिला की तलाश में जुटी है।

यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है—अस्पताल हो या कोई सार्वजनिक जगह, अपने नवजात शिशु पर से एक पल के लिए भी नज़र न हटाएं और न ही किसी अनजान पर भरोसा करें।