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विपक्षी दल अक्सर दावा करते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारतीय रेलवे का निजीकरण करेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में स्पष्ट जवाब दिया है। यह संदेह पुराना है। अश्विनी वैष्णव का कहना है कि रेलवे के निजीकरण की कोई संभावना नहीं है।

एक मीडिया कार्यक्रम में शामिल हुए अश्विनी वैष्णव से जब रेलवे के निजीकरण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह शक अब पुराना हो गया है। तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं होगा। रेलवे बहुत जटिल हैं। सामाजिक दायित्व सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है। इसलिए इसका निजीकरण करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर क्षेत्र में पारदर्शिता लाई है। 211 शहरों के 726 केंद्रों पर 15 भाषाओं में 1।25 करोड़ परीक्षार्थी हैं। इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा का आयोजन करना आसान नहीं है। यह तभी संभव है जब नेतृत्व स्पष्ट हो कि वह देश को किस दिशा में ले जाना चाहता है। इतने बड़े पैमाने पर रोजगार देना बड़ी बात है।

रेल मंत्री ने आगे कहा कि रेलवे एक तकनीकी विभाग है। तकनीकी निर्णय बहुत मूल्यवान है। मगर हर किसी का काम करने का अपना तरीका होता है।

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