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लोकसभा इलेक्शन के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए और विपक्षी पार्टियां I.N.D.I.A मोर्चा ने मजबूत मोर्चा बनाना शुरू कर दिया है। इस बीच उत्तर प्रदेश में नाममात्र की बची कांग्रेस अपना पुराना गौरव हासिल करने के लिए कमर कस रही है।

यूपी में जनाधार दोबारा हासिल करने के लिए कांग्रेस रणनीति बना रही है। साथ ही प्रियंका गांधी को राज्य से चुनाव लड़ाने की भी तैयारी चल रही है। इसके लिए निर्वाचन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें फूलपुर पहले स्थान पर, प्रयागराज दूसरे स्थान पर और वाराणसी तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में दो अन्य निर्वाचन क्षेत्रों का भी परीक्षण किया जा रहा है। इसका उन निर्वाचन क्षेत्रों से गहरा रिश्ता है।

इन पांचों विधानसभा क्षेत्रों का पूरा आंकड़ा तैयार कर केंद्रीय कार्यालय को भेजा जायेगा। यह भी कहा जा रहा है कि इन सीटों पर जीत की संभावना ज्यादा है। इसके लिए पार्टी इन विधानसभा क्षेत्रों में अंदरूनी तौर पर सर्वे कराएगी। देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू ने फूलपुर से चुनाव लड़ा था।

उत्तर प्रदेश में बीते कई वर्षों में कांग्रेस का जनाधार काफी कम हुआ है। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 20 से ज्यादा सीटें जीती थीं। लेकिन 2014 में कांग्रेस सिर्फ 2 सीटें ही जीत सकी। 2019 में हमें सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा। राहुल गांधी भी अमेठी से हार गए।

दूसरी ओर, विपक्षी भारत अघाड़ी की बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होगी। ये बैठक इस गठबंधन के लिए अहम होगी। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। बैठक का एजेंडा तैयार हो चुका है और इसी बैठक में गठबंधन के नेता के नाम पर भी चर्चा होगी। साथ ही इस बैठक में भारत अघाड़ी का लक्ष्य भी तय किया जाएगा।

 

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