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इस वक्त हरियाणा हिंसा की आग में झुलस रहा है। सोमवार को एक धार्मिक जुलूस के दौरान नूंह में शुरू हुई हिंसा की आंच अब गुरुग्राम तक आ पहुंची है। जहां सीएम और सूबे के गृहमंत्री किसी बड़ी साजिश की आशंका जता रहे हैं तो वहीं पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। आखिर साजिश थी तो पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं लगी। 

बीते काफी दिनों से जुलूस को लेकर सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों की ओर से धमकियों का दौर चल रहा था। फिर भी पुलिस ऐसे हालात के लिए तैयार नहीं थी। पुलिस पर उठते सवालों के बीच एक ऐसी भी महिला ऑफिसर है, जिनकी खूब तारीफ हो रही है।

ममता सिंह ऐसे बचाई हजारों लोगों की जान

एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह की सूझबूझ से मंदिर में फंसे हजारों लोगों की जान बच सकी। खुद सूबे के गृह मंत्री अनिल विज ने भी ममता सिंह की पीठ थपथपाई है। सोमवार की दोपहर 01:00 बजे नूंह में जब पथराव और गोलीबारी का तांडव चल रहा था, तब नल्हड़ के शिव मंदिर में ढाई हजार श्रद्धालु फंसे थे। भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी थे। मंदिर के चारों ओर ताबड़तोड़ फायरिंग हो रही थी।

पुलिस समझ नहीं पा रही थी कि इन लोगों को कैसे सुरक्षित बाहर निकाला जाए। गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच लोग काफी डरे और सहमे थे। इसी बीच अनिल विज को किसी ने गूगल लोकेशन के साथ मंदिर में फंसे होने की जानकारी दी। गृहमंत्री ने यह मैसेज एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह को फॉरवर्ड कर दिया। मैसेज मिलते ही शाम 04:00 बजे ममता सिंह वहां पहुंची और लोगों को सुरक्षित निकालने का आश्वासन दिया।

पहले प्लान था कि उपद्रव शांत होने के बाद लोगों को बाहर निकाला जाए, लेकिन उपद्रव शांत होने की बजाय बढ़ता ही चला गया। ऐसे में ममता सिंह ने तुरंत लोगों को निकालने का फैसला लिया। लोगों को कई गुटों में बांटा गया। पुलिस की एक टीम कवर फायर दे रही थी और दूसरी टीम लोगों को सुरक्षित गाड़ी तक पहुंचा रही थी। इस तरह लगभग दो घंटों के ऑपरेशन में ढाई हजार लोगों की जान बचाई गई। 
गोलीबारी और पथराव के बीच ममता सिंह और उनकी टीम दिलेरी के साथ डटी रही। यह कोई पहली दफा नहीं है जब ममता सिंह की बहादुरी और सूझबूझ के चर्चे हो रहे हैं। पहले भी कई बार ममता सिंह को लेकर ऐसी खबरें आती रही हैं।

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