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बिहार वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में तीन दिवसीय बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो में 6 नस्ल के गाय और भैंस लाए गए थे। मगर इनमें सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बना घोलू भैंसा। फर्स्ट टाइम इस प्रकार के मेले में खास कर गंगातीरी नस्ल की गाय व मुर्रा नस्ल के भैंसा घोलू की खूबी को जानने के लिए लोग बेताब दिखे और घोलू को देखने के लिए भीड़ इकट्ठा रही।

वहीं बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो में भिन्न भिन्न स्टॉलों पर पशु चारा से लेकर दवा व पालन के बारे में जानकारी दी गई। 6 वर्षीय गोलू के सीमेन की बिक्री से ₹2 लाख प्रतिमाह कमाई होती है। इसकी सींग काफी आकर्षक है। इसका वजन 16 क्विंटल है और बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो में 10 करोड़ के घोलू भैंसे के साथ सेल्फी की होड़ मची रही। इसे रोकने के लिए मालिक नरेंद्र सिंह को लोगों से विनती करनी पड़ी।

इसकी देखभाल में रोजाना ₹2,000 खर्च होते हैं। साथ ही खाने में हरा चारा के अलावा दूध, सेब, गाजर, आलू, केला, चना, मक्का, बाजरा आदि दिया जाता है। एक बार सीमेन की बिक्री से ₹300 लिए जाते हैं। इसकी मां रानी एक दिन में 26 किलो दूध देती है। इसे तैयार चार साल का बेटा पंजाब मेले में भी चैंपियन रहा। इसका दादा घोलू 13 साल तक चैंपियन रहा। 

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