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31 जुलाई 2023 को मेवात के नूंह में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के धार्मिक जुलूस पर जब एक समुदाय के लोगों ने पत्थरबाजी कर दी, जिससे नजदीक के चार जिलों में हिंसा की आग फैल गई। धारा 144 लगानी पड़ी और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए पूरे इलाके में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई। नूंह में 90 % से ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या है। बावजूद इसके इस हिंसा को सिर्फ धार्मिक या सांप्रदायिक चश्मे से देखना मुनासिब नहीं होगा।

वजह है इस इलाके और यहां रहने वालों का आपराधिक इतिहास, जो न सिर्फ नूंह बल्कि पूरे मेवात को देशभर में कुख्यात बनाता है। गौ तस्करी, पेड़ों की अवैध कटाई, अवैध खनन और साइबर क्राइम यहां कुटीर उद्योग की तरह फैले हैं। इलाके में कई बार पुलिसवालों तक पर हमला हो चुका है और आलम यह है कि बिना भारी भरकम लाव लश्कर के पुलिस फोर्स भी यहां आने से कतराती है।

अवैध खनन का गढ़

नूंह और आसपास के इलाकों को अवैध खनन का गढ़ माना जाता है। पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए अरावली की पहाड़ियों से पत्थरों का अवैध खनन जारी रहता है। खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि 2022 में इन्हें रोकने गए हरियाणा पुलिस के एक डीएसपी को डंपर के नीचे कुचलकर मार डाला गया।

जमकर होती है गौतस्करी

मेवात क्षेत्र यूं तो हर तरह के अपराध जैसे चोरी, ठगी, लूटमार, अपहरण, फिरौती आदि के लिए भी कुख्यात है, लेकिन इन सबके अलावा इस इलाके में गौ तस्करी भी मशहूर या यूं कहें बदनाम रही है। एक समय था जब मेवात के मेव पशुधन की चोरी किया करते थे, लेकिन पूरी ईमानदारी के साथ। कहने का मतलब ये कि वह पशुधन चुराते थे और फिरौती लेकर उन्हें वापस कर देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब पशुधन की चोरी होती है। उन्हें तस्करी कर दूसरे प्रदेशों में ले जाकर बेच दिया जाता है।

इनमें दूध देने वाली भैंस को छोड़ दें तो बाकी लगभग सारा पशुधन स्लॉटर हाउस, कसाइयों, अंतर्राज्यीय व अंतरराष्ट्रीय तस्करों के पास पहुंच जाता है। आलम यह है कि पुलिस को इन पर लगाम लगाने के लिए गौरक्षक दल बनाने पड़े और ड्रोन से निगरानी जैसे कदम उठाने पड़े। मगर राजनीति के चलते जब भी इलाके के गौ तस्करों पर कार्रवाई होती है तो इन तस्करों के लिए अल्पसंख्यक कार्ड खेलने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है।

यहां सबसे ज्यादा होती है साइबर ठगी

मेवात क्षेत्र में हर दूसरे दिन दूसरे राज्य की पुलिस साइबर ठगों की तलाश में दबिश देती है। पिछले एक साल में औसतन डेढ़ 100 से अधिक बार दूसरे राज्य की पुलिस ने मेवात क्षेत्र में दबिश दी है। करीब 15 बार दूसरे राज्य की पुलिस ने कार्रवाई के बारे में स्थानीय पुलिस को बताया तक नहीं। ऐसे में उन पर पथराव भी हुआ। 

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