राजस्थान इलेक्शन के लिए कांग्रेस अब तक दो सूची में कुल 76 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। वैसे तो संडे को कांग्रेस की दूसरी सूची से कई बड़े नाम गायब दिखे, किंतु, इनमें उन तीन नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है, जिन्होंने पार्टी हाईकमान के विरूद्ध बगावत की पटकथा लिखी थी। ये तीन नाम है शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़, जिनके टिकट अभी तक फाइनल नहीं हुए हैं। तत्पश्चात, राज्य के सियासी गलियारों में तीनों को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
सबकी नजरें तीनों के टिकट को लेकर टिकी हुई है। पार्टी इनको टिकट देती है या नहीं अभी ये सवाल खड़ा हुआ है। बता दें कि बीते वर्ष 25 सितंबर को कांग्रेस हाईकमान ने तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ऑब्जर्वर के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था। वहां विधायकों की एक मीटिंग होनी थी, जिसमें राजस्थान के अगले सीएम को लेकर निर्णय होना था।
किंतु, इसको लेकर गहलोत खेमे के विधायकों ने बगावत कर दी। मुख्यमंत्री आवास पर मीटिंग के विरोध में शांति धारीवाल के आवास पर एक अलग सीक्रेट मीटिंग बुला ली। इसके बाद सभी विधायकों ने विधानसभा स्पीकर जोशी के आवास पर पहुंच सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया था। इस खबर के बाहर आते ही हाहाकार मच गया था। ये पूरी पटकथा गहलोत समर्थक शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ ने लिखी थी। इतना ही नहीं धारीवाल ने तो कांग्रेस हाईकमान को सीधे चुनौती तक दे डाली थी।
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