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हमास अटैक के जवाब में गाजा पट्टी पर इजरायल के द्वारा निरंतर मौत बरसा रहा है। इन सब से हताश फिलिस्तीनी खुद के लिए आश्रयस्थल ढूंढ रहे हैं, पड़ोस के मुल्कों में शरण पाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि मिस्र और जॉर्डन जैसी इस्लामिक कंट्री भी उन्हें स्वीकार करने से मना कर रही हैं।

बता दें कि दोनों मुल्क इजरायल की सरहद से सटे हैं। एक सरहद गाजा पट्टी के साथ दूसरे की वेस्ट बैंक के साथ मेल खाती है। आपको बतादे कि जॉर्डन में पहले से ही भारी तादाद में फिलिस्तीनी लोग रह रहे है। मिस्र के प्रेसिडेंट ने बुधवार को सख्त टिप्पणी करते हुए कहा की वर्तमान युद्ध का मकसद केवल गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास से लड़ना नहीं है बल्कि लोगों को मिस्त्र की तरफ पलायन करने के लिए प्रेरित करने का भी प्रयास है।

उन्होंने वार्निंग दी कि इससे क्षेत्र में शांति भंग हो सकती है। राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि मिस्रवासी सिनाई में लाखों फिलिस्तीनियों के जबरन विस्थापन को नहीं होने देंगे। उन्होने कहा कि ऐसा कोई भी फैसला मिस्र प्रायद्वीप को इजरायल के विरूद्ध हमलों के एक आधार में बदल देगा। 

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