चंद्रयान तीन चंद्रमा पर लैण्ड हो गया। ये देशवासियों और इसरो की पूरी टीम की सफलता है। ये शब्द आरूषि सेठ के हैं। इसको सुनते ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रह रहे भारतीय झूम उठे।
आरुषि सेठ इसरो में अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं और चंद्रयान 3 में विक्रम लैंडर कंट्रोल यूनिट में कार्यरत हैं। बुधवार को जब चंद्रयान 3 की लैंडिंग का काउंटडाउन शुरू हुआ तो देश को इसरो की तरफ से आरुषि सेठ की कार्यक्रम के बारे में बता रही थीं।
दरअसल, आरुषि सेठ का हरियाणा के अंबाला से गहरा नाता है। मूलरूप से हैदराबाद की रहने वाली आरुषि सेठ की शादी अंबाला के सेक्टर नौ निवासी सिद्धार्थ शर्मा से हुई। सिद्धार्थ का पैतृक गांव अंबर है। ऐसे में जैसे ही चंद्रमा की धरती पर चंद्रयान उतरा, गौतम बर्ड और आरुषि के ससुराल में खुशी की लहर दौड़ गई। सिद्धांत के भाई अंबाला के जिला आयुर्वेदिक अधिकारी शशिकांत शर्मा बताते हैं कि सिद्धांत के पिता डॉक्टर सुरेंद्र प्रकाश शर्मा उनके चाचा हैं, जो कि कैथल में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं।
अब अंबाला के सेक्टर 9 में रहते हैं। उन्होंने बताया कि सिद्धांत और आरुषि इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी से पढ़े हैं। इसके बाद आरुषि इसरो में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बन गए। सिद्धांत अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्य करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी में वर्तमान में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ की पढ़ाई बराड़ा के डीएवी स्कूल से हुई है।
आरुषि के पिता अजय कुमार सेना में नेत्र चिकित्सक थे तो मां डॉक्टर। संगीता स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं। वो मूल रूप से हैदराबाद की रहने वाली हैं। मगर अब गुरुग्राम में आरुषि के माता पिता रहते हैं। अंतरिक्ष वैज्ञानिक आरूषि और सिद्धार्थ की मुलाकात आईआईएसटी में एक साथ पढ़ाई के दौरान हुई थी। इसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला लिया और अंबाला सिटी में दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। अब दोनों बेंगलुरु में रहते हैं। उनका अंबाला से विशेष लगाव है और अक्सर अंबाला आते रहते हैं।
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