मेहंदी अब शादी के घर में एक विशेष कार्यक्रम है। दूल्हे को मेहंदी लगाने की स्थिति में थाली को मेहंदी और गुलाब के फूलों से सजाने का एक हालिया चलन है। मगर लगभग 90% लोग अभी भी नहीं जानते हैं कि दूल्हा-दुल्हन को मेहंदी क्यों लगाई जाती है। आइए आज जानते हैं इसके पीछे की असली वजह।
इन्हीं शादी की रस्मों में से एक है मेहंदी, जिसमें दूल्हा-दुल्हन के हाथों और पैरों में मेहंदी लगाई जाती है। शादियों में मेहंदी लगाने का चलन ज्यादातर राज्यों में प्रचलित है। यह रस्म शादी के कुछ दिन पहले की जाती है। इसमें दूल्हा-दुल्हन के हाथों और पैरों में अलग-अलग डिजाइन बनाकर मेहंदी लगाई जाती है। यह रस्म दूल्हा-दुल्हन के परिवार के सदस्यों और दोस्तों द्वारा निभाई जाती है।
क्यों होती है मेहंदी की रस्म?
मेहंदी लगाने की रस्म का सामाजिक और धार्मिक महत्व है। इसके अलावा मेहंदी को सुंदरता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस रस्म से दुल्हन का रंग गोरा हो जाता है
और उसकी खूबसूरती बढ़ जाती है। हिंदू धर्म में 16 गहनों का जिक्र है, जिसमें मेहंदी भी शामिल है। कहा जाता है कि मेहंदी दुल्हन की खूबसूरती को और बढ़ा देती है। मेहंदी को प्यार का प्रतीक माना जाता है। मेहंदी के रंग को लेकर माना जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, पार्टनर उसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है। साथ ही मेहंदी का गहरा रंग दूल्हे के लिए लकी माना जाता है।
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