img

Up Kiran, Digital Desk: यह पूरा मामला केरल में एक नन की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिसके विवरण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इसने ईसाई समुदाय के बीच चिंता पैदा कर दी है और राजनीतिक गलियारों में बहस छेड़ दी है। केरल बीजेपी इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और समुदाय के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।

केरल बीजेपी नेता की छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM से मुलाकात: खबरों के अनुसार, केरल बीजेपी के एक नेता ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नन की गिरफ्तारी से जुड़े मामले पर 'जल्द ही चीजें साफ हो जाएंगी'। यह बयान कई सवाल खड़े करता है: क्या इस मामले में अंतर-राज्यीय संबंध या किसी केंद्रीय हस्तक्षेप की संभावना है? क्या इस मुलाकात का उद्देश्य मामले को किसी खास दिशा में ले जाना या किसी तरह का राजनीतिक प्रभाव डालना है?

छत्तीसगढ़ में हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी है और वहां ईसाई समुदाय की अच्छी खासी आबादी है। ऐसे में, केरल बीजेपी नेता की छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री से मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर जब दोनों राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकारें हैं।

राजनीतिक निहितार्थ: केरल में बीजेपी लंबे समय से अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है, खासकर ईसाई और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच। नन की गिरफ्तारी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बीजेपी की सक्रियता को इस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी इस मामले को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर रही है और खुद को समुदाय के हितैषी के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है।

 विपक्षी दल और कुछ नागरिक समाज समूह बीजेपी की इस सक्रियता पर सवाल उठा रहे हैं और इसे राजनीतिक फायदे के लिए धर्म को इस्तेमाल करने की कोशिश बता रहे हैं। वे पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

--Advertisement--