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पहाड़ी जिले उत्तरकाशी की टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू हो चुकी है। यदि कोई बाधा नहीं आई तो बचावकर्मी अगले दो दिन में मजदूरों तक पहुंच सकते हैं। इस कड़ी में 800 एमएम के पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड को हैदराबाद से मंगाए गए प्लाज्मा और लेजर कटर से काटा जा रहा है।

आज (सोमवार) यहां केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के पहुंचने की चर्चा है। पाइप से मशीन के मलबे को निकालने के बाद मैनुअल खोदाई भी शुरू की जाएगी। बताया जा रहा है कि आने वाले 48 घंटे बहुत अहम होने वाले है।

नेशनल हाईवे और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने मीडिया को बताया कि अब तक 24 मीटर वर्टिकल खुदाई हो चुकी है। कुल 86 मीटर खोदाई करनी है। टनल के ऊपरी और दूसरे छोर से कार्य में तेजी लाने के लिए और टीमें बुलाई गई हैं। ओएनजीसी की एक टीम आंध्र प्रदेश के राजामुंदरी से पहुंची है।

रेस्क्यू काम में मदद के लिए इंडियन आर्मी की इंजीनियरिंग कोर के एक समूह मद्रास सैपर्स की एक इकाई रविवार को सिलक्यारा पहुंच गई। इसमें 30 सैन्यकर्मी हैं। यह सैन्यकर्मी नागरिकों के साथ मिलकर हाथ, हथौड़े और छेनी से टनल के अंदर के मलबे को खोदेंगे। फिर पाइप को उसके भीतर बने प्लेटफॉर्म से आगे की ओर धकेलेंगे। एयर फोर्स भी मदद में जुटी है। एयर फोर्स ने रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन से कई अहम उपकरण भेजे हैं।

आपको बता दें कि बीते कल से 4 रास्तों से मजदूरों तक पहुंचने का कार्य शुरू किया गया है। 

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