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देश में बीते वर्ष मौसम बहुत अच्छा नहीं था। इस दौरान टेम्परेचर भी बढ़ा और फिर तेज बारिश हुई। इस साल जलवायु परिवर्तन के कारण 2,270 लोगों की मौत हुई। इनमें से ज्यादातर 1580 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई थी।

1901 के बाद 2022 पांचवां सबसे गर्म साल बना। औसत वर्षा 108 प्रतिशत रही। औसत वर्षा की दृष्टि से राजस्थान देश में कर्नाटक के बाद दूसरे स्थान पर है। यहां औसत बारिश की 136 फीसदी बारिश हुई है। इससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ।

यह खुलासा मौसम विभाग के पुणे स्थित क्लाइमेट रिसर्च एंड सर्विसेज सेंटर की रिपोर्ट में हुआ है। इस विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने यह रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के कारण जीवन और वित्त के नुकसान का भी विवरण है।

केंद्र सरकार की राज्यवार वार्षिक मौसम रिपोर्ट 2022 के अनुसार, देश में इस साल आंधी के साथ भारी बारिश, बाढ़ और बिजली गिरने का अनुभव हुआ। सबसे ज्यादा 589 लोगों की मौत उत्तर प्रदेश में हुई है।

पहाड़ी इलाकों में पड़ती है ज्यादा गर्मी

पिछले साल पूरे देश में औसत से 0.51 डिग्री सेल्सियस अधिक टेम्परेचर दर्ज किया गया था। यह 2016 में दर्ज 0.71 डिग्री सेल्सियस से कम था। हालांकि पिछले साल पहाड़ी इलाकों में गर्मी ज्यादा रही। पिछले 100 साल के औसत पर नजर डालें तो हिमाचल में सबसे ज्यादा टेम्परेचर 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। पिछले साल मार्च-अप्रैल में देश में छह दिनों तक अधिकतम टेम्परेचर सामान्य से 3 से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा था। त्रिपुरा, गोवा, पंजाब, नागालैंड और सिक्किम में जान-माल का नुकसान कम हुआ।

राजस्थान में गर्मी और बारिश

पिछले साल राजस्थान में गर्मी ज्यादा पड़ी थी। साथ ही तेज बारिश भी हुई। राज्य में औसत टेम्परेचर 24.0 डिग्री सेल्सियस रहा। यह औसत से 0.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है। राजस्थान में 1901 के बाद से यह 13वां सबसे गर्म साल रहा। दो जिलों में औसत बारिश का 60 फीसदी, 22 जिलों में औसत बारिश का 20 से 59 फीसदी तक बारिश हुई। 9 जिलों में मानसून सामान्य रहा। औसत वर्षा 486.6 मिमी है।

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