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22 तारीख को राम मंदिर में रामलला प्राणप्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जा रहा है। अलग अलग धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं। विशेष अनुष्ठान, पूजा-अर्चना चल रही है। राम मंदिर को लेकर सियासत भी गरमा रही है। बताया गया है कि अगर कोई बड़ा भूकंप या सुनामी भी आए तो भी राम मंदिर को कोई खतरा नहीं होगा, इस मंदिर का डिजाइन और निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है।

अहमदाबाद-बीआरडी के वास्तुकार चंद्रकांत ने कहा कि 1,200 करोड़ रुपए के राम मंदिर का उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा किया जाएगा। हिमालय क्षेत्र में बाढ़ और भूकंप का अध्ययन कर भूकंपरोधी प्रणाली तैयार की गई है। दावा है कि ये राम मंदिर 2500 साल तक सुरक्षित रहेगा। सोमपुरा और उनके बेटे आशीष ने मंदिर परिसर का डिज़ाइन तैयार किया।

चंद्रकांत ने कहा कि वह अपने स्वास्थ्य के कारण प्राणप्रतिष्ठा समारोह में नहीं जा पाएंगे। मगर मंदिर के पूरा होने के बाद चंद्रकांत ने इच्छा व्यक्त की कि यह सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला होना चाहिए। चंद्रकांत ने भारत और विदेश में 200 से अधिक मंदिरों का निर्माण किया है। यह दुनिया का पहला मंदिर होगा जो निर्माण से पहले रिक्टर पैमाने 8 तक भूकंपीय प्रतिरोध के लिए 3डी संरचनात्मक विश्लेषण से गुजरेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राम मंदिर को कोई खतरा न हो, रूड़की में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान ने गहन और विस्तृत निरीक्षण और विश्लेषण किया।

इस बीच आशीष ने यह भी कहा कि राम मंदिर की एक और खूबी ये है कि रामनवमी के दिन मूर्ति के शीर्ष पर लेंस लगाए जाएंगे ताकि सूर्य की किरणें मूर्ति पर पड़े। राम मंदिर से 700 मीटर दूर एक हॉल में 21 युवा राम मंदिर का पुजारी बनने के लिए मेहनत कर रहे हैं। इन सभी की उम्र 30 साल से कम है।

 

 

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