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Up Kiran, Digital Desk: सुबह की चाय बहुतों के लिए दिन की शुरुआत का अहम हिस्सा है, मगर क्या कभी आपने सोचा है कि यह आदत आपकी सेहत पर कैसे असर डाल रही है? कई लोगों के लिए चाय एक तरोताजा करने वाली ड्रिंक से ज्यादा, एक दिनचर्या और मानसिक निर्भरता बन जाती है। हाल ही में एक व्यक्ति ने इस रोज़मर्रा की आदत को तोड़ने का फैसला किया और एक सप्ताह तक चाय छोड़कर जो अनुभव किया, वो कई सवालों को जन्म देता है क्या सच में चाय सेहत के लिए हमेशा लाभकारी है?

चाय छोड़ने का फैसला और शुरुआती मुश्किलें

चाय के बिना सुबह की शुरुआत करना आसान नहीं था। शुरुआत के दो दिन सिरदर्द और मन में धुंध जैसा महसूस हुआ। यह असामान्य नहीं, क्योंकि शरीर कैफीन की कमी को सहन करने के लिए संघर्ष करता है। इसके साथ ही मानसिक चिड़चिड़ापन भी बढ़ा, जो दर्शाता है कि कैसे चाय की आदत हमारे मूड और ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालती है।

शारीरिक सुधारों का अहसास

तीसरे-चौथे दिन पाचन संबंधी शिकायतों में कमी आई, जो इस बात की ओर संकेत करता है कि कभी-कभार चाय न पीने से पेट को राहत मिल सकती है। इसके बाद ऊर्जा के स्तर में स्थिरता आई, सुबह की शुगर की लालसा कम हुई और स्नैक्स या अतिरिक्त चाय के लिए मन नहीं करता था। ये बदलाव बताते हैं कि शरीर में असली ऊर्जा प्राकृतिक स्रोतों से भी मिल सकती है, न कि केवल कैफीन पर निर्भर रहकर।

त्वचा और मानसिक फोकस में बढ़ोतरी

सातवें दिन तक त्वचा की तैलीय समस्या कम हुई और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में भी सुधार देखने को मिला। इससे पता चलता है कि हमारी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, चाय में मौजूद कुछ यौगिक आयरन के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं, जो खासकर उन लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है जिनकी आयरन की कमी हो। यह सुझाव देता है कि खाली पेट या भोजन के साथ चाय पीने की आदत पर सावधानी बरतनी चाहिए।

क्या हर किसी को चाय छोड़नी चाहिए

यह जरूरी नहीं कि सभी के लिए चाय छोड़ना सही हो। शरीर की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती हैं। मगर यह अनुभव और शोध हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि कहीं हमारी ये रोज़मर्रा की आदतें ही हमारी ऊर्जा और स्वास्थ्य की राह में रोड़ा तो नहीं डाल रही हैं।

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