100 साल पहले इस महामारी का शिकार हुए थे 50 करोड़ लोग, सड़कों पर बिछी थी लाशें, कुछ ऐसा था खौफनाक मंजर

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नई दिल्ली॥ खतरनाक CORONA VIRUS के कारण विश्वभर के खेल आयोजनों को टाल दिया गया है। वहीं इससे टोक्यो ओलंपिक पर भी खतरा मंडरा रहा है। वहीं ठीक सौ साल पहले यानी 1920 ओलंपिक के वक्त भी कुछ ऐसे ही संशय के हालात थे। तब भी एक जानलेवा वायरस के घेरे में पूरी दुनिया आ गई थी।

एक शोध में पाया गया है कि 1918 में शुरू हुए इस इनफ्लुएंजा ने पूरी दुनिया में करीब 50 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था। यानी विश्व की एक-तिहाई आबादी गंभीर रूप से बीमार थी। इसका असर ऐसा था कि सड़कों के किनारे लोगों की लाशें पड़ी रहती थीं। अकेले फिलाडेल्फिया में चार सप्ताह के अंदर 12 हजार से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई।

अन्दाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितने खराब थे पर तब भी खेल नहीं रुका। बेल्जियम में होने वाले ओलिंपिक्स का सफल आयोजन हुआ। बेल्जियम के एंटवर्प शहर ने ओलिंपिक्स की शानदार मेजबानी की। 29 देशों के कुल 2626 ऐथलीटों ने 22 अलग-अलग खेलों में पदकों पर अपनी दावेदारी ठोकी।

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ये पहली बार नहीं है जब जापान किसी बड़े खेल आयोजन की तैयारी करके बैठा है और उस आयोजन पर संकट के बादल छाए हुए हों। इससे पहले 1998 शीत कालीन ओलंपिक के दौरान भी वह ऐसे हालात से गुजरा है। 1998 में जापान के नगानो में फ्लू महामारी फैली। फ्लू का वायरस पूरे जापान में फैल गया। पूरे देश में करीब 90 हजार लोग इस वायरस की जकड़ में आ गए। इस वायरस के डर से कुछ ऐथलीट उन खेलों में भाग लेने के लिए जापान नहीं गए, इसके बावजूद 7 से 22 फरवरी के बीच इनका सफल आयोजन हुआ।

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