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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक सरकार ने एक बड़े कदम के तहत 12 लाख से ज़्यादा बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) राशन कार्डों को रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई राज्यव्यापी ऑडिट और सत्यापन प्रक्रिया के बाद की गई। सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में पारदर्शिता लाना और फर्जी लाभार्थियों को हटाना है ताकि वास्तविक गरीबों को खाद्य सुरक्षा मिल सके।

"गरीबों का हक नहीं छीना, सिस्टम ठीक किया जा रहा है" – मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि इस फैसले का उद्देश्य किसी गरीब को राहत से वंचित करना नहीं है, बल्कि सिस्टम को निष्पक्ष बनाना है। उन्होंने कहा:

“यह गरीबों से भोजन छीनने का मामला नहीं है। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि लाभ उन्हीं तक पहुंचे जो वास्तव में इसके हकदार हैं।”

उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि वास्तविक लाभार्थियों को कोई असुविधा न हो, और जिनके कार्ड रद्द हुए हैं, वे अपील कर सकें।

बीपीएल से एपीएल में बदलाव, सहायता नहीं हटाई जाएगी – खाद्य मंत्री मुनियप्पा

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा ने कहा कि रद्द किए गए अधिकतर कार्डों के धारकों को गरीबी रेखा से ऊपर (APL) में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा:

“कर्नाटक की 80% आबादी बीपीएल नहीं हो सकती। हम सिर्फ गलत कार्डों में सुधार कर रहे हैं, किसी गरीब से राशन नहीं छीना जा रहा।”

सत्यापन की प्रक्रिया कैसे हुई?

आधार आधारित प्रमाणीकरण

आय प्रमाण और स्थानीय सर्वेक्षण

ग्रामीण और शहरी निकायों की मदद से फील्ड वेरिफिकेशन

डिजिटल लिस्टिंग और उचित मूल्य की दुकानों पर नोटिस चस्पा

अब तक 3.65 लाख कार्ड आधिकारिक रूप से रद्द किए जा चुके हैं। प्रभावित परिवारों के लिए हेल्पलाइन और अपील प्रक्रिया चालू की गई है।

विपक्ष ने उठाए सवाल, योजनाओं पर असर की चेतावनी

बीजेपी और जेडीएस ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई जल्दबाजी में और बिना ग्राउंड वेरिफिकेशन के की गई है। उनका कहना है कि इससे अन्न भाग्य योजना, जो बीपीएल परिवारों को मुफ्त चावल देती है, और गृह लक्ष्मी योजना, जो महिलाओं को वजीफा देती है, दोनों पर असर पड़ेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध, महिलाओं की चिंता बढ़ी

कई जिलों में राशन दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन हुए। महिलाओं ने कहा कि अधूरी जानकारी के कारण उन्हें और उनके परिवार को भविष्य की सब्सिडी से वंचित किया जा सकता है।