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10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों में अब पिछले वर्ष के अंक शामिल होंगे। साथ ही सीबीएसई जैसे केंद्रीय बोर्ड की परीक्षा प्रणाली के समन्वय से 12वीं की परीक्षा दो बार कराने की योजना भी बनाई जा रही है। इसके लिए सरकार ने नई शिक्षा नीति के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार किया है।

मसौदे में कई नई सिफारिशें की गई हैं। नई मूल्यांकन विधियों को तदनुसार विकसित किया जाना है। डिग्री कोर्स में भी होंगे आमूलचूल बदलाव, नई व्यवस्था में छात्रों को विषय चुनने का मौका दिया जाएगा। इस नई सिफारिश में देश भर में वर्ष 2023-24 से सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव होंगे। इसमें लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का महत्व भी कम होगा और लगभग 50 प्रतिशत प्रश्न पत्र बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होंगे।

दूसरी ओर, राज्य में भी 12वीं की परीक्षा दो तरह से कराई जा सकती है, वर्णनात्मक और वैकल्पिक। सरकार इस पर जल्द ही फैसला लेगी। राज्य में शिक्षा क्षेत्र और अलग अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सुझाव मांगे जाएंगे। 10वीं कक्षा में कुल प्रश्नों में से 50% बहुविकल्पीय होंगे। किसी घटना या किसी अन्य समस्या पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। 

वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का हिस्सा घटाकर 20 प्रतिशत ही किया गया, लघु और दीर्घ प्रश्नों का भाग इस वर्ष घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया। वहीं 12वीं में 40 फीसदी और प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे। एकीकृत प्रकृति के और केस स्टडीज पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का अनुपात इस वर्ष 40 प्रतिशत कर दिया गया है।

नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षा में भी बदलाव

कक्षा 9वीं और 11वीं की परीक्षाओं में भी विद्यार्थियों की क्षमता के आधार पर प्रश्न पूछे जायेंगे तथा लघु एवं दीर्घ प्रकार के प्रश्नों का महत्व कम होगा। सीबीएसई बोर्ड ने कहा है कि लघु और दीर्घ उत्तरीय संयुक्त प्रश्न 50 के बजाय 40 अंक के होंगे।

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