
पटना, 31 मार्च।बिहार सरकार जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 517.28 करोड़ रुपये की राशि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को मिली है, जिससे प्राकृतिक वनों के विकास, मृदा एवं भूमि संरक्षण, पौधारोपण और इको-पर्यटन को गति दी जा रही है।
बिहार का वर्तमान हरित आवरण 15 प्रतिशत है, जिसे चतुर्थ कृषि रोड मैप (2023-28) के तहत 17 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 20 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2024-25 में 4.68 करोड़ पौधों के लक्ष्य में से 3.90 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।
बिहार में 246 सरकारी पौधशालाएं कार्यरत हैं, जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 8 करोड़ पौधों से अधिक है। इसके अलावा मुख्यमंत्री निजी पौधशाला योजना के तहत 192 किसान और 302 जीविका पौधशालाएं संचालित की जा रही हैं, जहां हर साल एक करोड़ पौधे तैयार होते हैं।
बिहार सरकार बसंतकालीन पौधारोपण कार्यक्रम को अधिक बढ़ावा देने के लिए विशेष रणनीति तैयार कर रही है। उत्तर बिहार की जलवायु को ध्यान में रखते हुए यहां अधिक पौधे लगाने की योजना बनाई गई है, जिससे जलवायु संतुलन और हरित आवरण में सुधार होगा।
बिहार सरकार का जल-जीवन-हरियाली अभियान राज्य को पर्यावरण अनुकूल और हरा-भरा बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। पौधारोपण के बढ़ते प्रयासों से हरित आवरण में वृद्धि होगी, पर्यावरण संतुलन सुधरेगा और लोगों को स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण मिलेगा।
विभिन्न योजनाओं के तहत पौधारोपण की प्रगति
1. कृषि वानिकी अन्य प्रजाति योजना :
लक्ष्य : 41.50 लाख पौधे,
अब तक लगाए गए : 32.98 लाख पौधे
2. जीविका दीदियों के माध्यम से पौधारोपण :
लक्ष्य : 80.34 लाख पौधे,
अब तक लगाए गए : 75.26 लाख पौधे
3. मनरेगा के तहत पौधारोपण :
लक्ष्य : 177.49 लाख पौधे,
अब तक लगाए गए : 199.62 लाख पौधे
4. उद्यान निदेशालय के अंतर्गत :
लक्ष्य : 9.31 लाख पौधे,
अब तक लगाए गए : 8.37 लाख पौधे
--Advertisement--