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बिहार के बांका जिले के धोरैया बाजार में अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासन की सख्ती अब किसी भी वक्त जमीन पर उतर सकती है। पटना हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद बुधवार को यह कार्रवाई टल गई, जिसका मुख्य कारण पुलिस बल की अनुपलब्धता बताया गया है। मगर अब प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है और चेतावनी जारी कर दी गई है  कि स्वेच्छा से हटें अन्यथा होगी कार्रवाई।

हाईकोर्ट का आदेश, मगर ज़मीन खाली नहीं

धोरैया बाजार में गंगदौरी मोड़ से मिर्चनी नदी पुल तक की सरकारी जमीन पर 162 लोगों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। इस मामले को लेकर स्थानीय निवासी सिकंदर प्रसाद यादव ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।

हालांकि आदेश के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी है या संसाधनों की।

अंचलाधिकारी श्रीनिवास कुमार सिंह ने जानकारी दी कि सभी अतिक्रमणकारियों को तीन बार नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें स्पष्ट रूप से सरकारी जमीन खाली करने का निर्देश दिया गया। मगर इसके बावजूद लोगों ने अपनी झोपड़ियां और दुकानें नहीं हटाईं। उन्होंने कहा कि यदि कब्जाधारी स्वेच्छा से हटते हैं तो ठीक, नहीं तो IPC की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बल प्रयोग की चेतावनी, खर्च भी वसूला जाएगा

बुधवार को जिला प्रशासन ने कार्रवाई की पूरी योजना बनाई थी, मगर पुलिस बल की कमी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। अंचलाधिकारी ने साफ कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बल प्रयोग भी किया जाएगा और अतिक्रमण हटाने में आए खर्च को भी कब्जाधारियों से वसूला जाएगा। यह चेतावनी उन लोगों के लिए है, जो अब भी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए हुए हैं और कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज कर रहे हैं।