22 साल पहले आज ही के दिन सचिन ने इस टीम के खिलाफ जड़ा था नाबाद शतक

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के लिए आज का दिन काफी यादगार है। सचिन ने 22 साल पहले आज ही के दिन 23 मई 1999 को विश्व कप में केन्या के खिलाफ 140 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली थी। यह पारी इसलिए भी खास है कि इस मैच से कुछ दिन पहले ही सचिन के पिता का निधन हुआ था।

On this Day-Sachin Tendulkar

आईसीसी विश्व कप 1999 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में मिली करारी हार के साथ भारत ने टूर्नामेंट की शुरुआत की थी। हालांकि 19 मई को तेंदुलकर को पिता रमेश तेंदुलकर के निधन की खबर मिली। खबर पाते है सचिन भारत लौटे और पिता का अंतिम संस्कार किया। तेंदुलकर जब भारत में थे तो भारत जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला अपना दूसरा मैच बुरी तरह हार गया।
विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में लगातार दो मैच हारकर टीम इंडिया बैकफुट पर थी। ऐसे में सुपर सिक्स में क्वालिफाई करने के लिए भारत को अपना तीसरा मैच हर हाल में जीतना था। टीम इंडिया की जीत के लिए जरूरी था उनके सबसे अहम बल्लेबाज का वापस आना। जिसके बाद पिता की मौत का दुख झेल रहे तेंदुलकर वापस इंग्लैंड पहुंच गए।

केन्या ने भारत को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया

 मैच में टॉस जीतकर केन्या ने भारत को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया। पिछले मैच के बल्लेबाजी क्रम में ज्यादा बदलाव ना करते हुए तेंदुलकर की वजह एस रमेश और सौरव गांगुली ने पारी की शुरुआत की। जबकि तीसरे नंबर पर राहुल द्रविड़ उतरे। ये मैच उन कुछ मुकाबलों में से एक था जहां सचिन चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। 92 रन के स्कोर पर 44 रन बनाकर खेल रहे सदागोपन रमेश के आउट होने के बाद तेंदुलकर मैदान पर उतरे। मन के एक दृढ़ संकल्प लेकर क्रीज पर आए सचिन ने खूबसूरत चौके के साथ पारी की शुरुआत की।
तेंदुलकर ने द्रविड़ के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। 30 ओवर के बाद सचिन ने आक्रामक रुख अपनाया और केन्या के कप्तान आसिफ करीम के खिलााफ लॉन्ग ऑन पर लंबा छक्का जड़ दिया। अर्धशतक पूरा करने के बाद सचिन ने इसी अंदाज में बल्लेबाजी करना जारी रखा। सचिन ने द्रविड़ के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 237 रनों की शानदार साझेदारी बनाई।

भारत ने 94 रन से मैच जीता था

इस दौरान द्रविड़ ने 109 गेंदो पर 104 रन जड़े। ब्रिस्टल में खेले गए इस मैच में सचिन ने 101 गेंदो पर 16 छक्कों और तीन चौकों की मदद से 140 रन की नाबाद पारी खेली। ये पारी इस दिग्गज क्रिकेटर के लिए अपने पिता को याद करने, उनके जाने का दुख जाहिर करने का जरिया बनी थी। सचिन की शतकीय पारी की मदद से भारत ने 94 रन से ये मैच जीतकर विश्व कप में अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा।
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