img

Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से लागू हुए GST 2.0 यानी अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि ये सिर्फ कर प्रणाली का बदलाव नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए बचत और समृद्धि का रास्ता है।

देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने अपने खुले पत्र में इन सुधारों को "जीएसटी बचत उत्सव" की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आम उपभोक्ता को राहत मिलेगी, बल्कि छोटे उद्योगों और व्यापारियों को भी कारोबार में आसानी होगी।

अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब – 5% और 18%

प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में स्पष्ट किया कि अब GST के तहत केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो ही टैक्स स्लैब रहेंगे। इससे कर प्रणाली और ज्यादा पारदर्शी और सरल हो गई है।

उन्होंने बताया कि खाद्य सामग्री, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट, बीमा जैसी जरूरत की चीजें या तो कर-मुक्त हो गई हैं या अब सिर्फ 5% टैक्स स्लैब में आ गई हैं। पहले इन पर 12% टैक्स लगता था, जिससे आम आदमी की जेब पर बोझ पड़ता था।

25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर, अब नव-मध्यम वर्ग को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि पिछले वर्षों में उनकी सरकार के प्रयासों से 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं, जो अब नव-मध्यम वर्ग का हिस्सा हैं।

उन्होंने कहा कि इन सुधारों से 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत सीधे जनता के हाथ में पहुंचेगी, जिससे लोग अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे। यह बदलाव विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और छोटे व्यापारियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

‘एक देश, एक टैक्स’ अब सच्चाई

GST को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश वास्तव में एक टैक्स सिस्टम की ओर बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि GST ने भारत को आर्थिक रूप से एकजुट किया है और करों की जटिलता को हटाकर व्यवस्था को सरल बना दिया है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दुकानदार 'तब और अब' के बोर्ड लगाकर लोगों को दिखा रहे हैं कि अब चीजें कितनी सस्ती हो गई हैं।