Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में इस समय पानी की भीषण कमी हो रही है, और स्थानीय लोग इसका सीधा असर महसूस कर रहे हैं। कश्मीर घाटी में सूखा बढ़ता ही जा रहा है, जिससे पीने के पानी का संकट गंभीर रूप ले चुका है। सरकारी अधिकारियों को पानी की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए शिफ्ट में बदलाव करने और वितरण में कड़ा नियंत्रण स्थापित करने पर मजबूर होना पड़ा है।
सूखा और जलस्रोतों की कमी
कश्मीर के ऊपरी इलाकों में यह संकट सबसे अधिक गहरा गया है, क्योंकि यहां के पानी के झरने भी सूख चुके हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमारे क्षेत्र में पानी की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। विभाग नियमित रूप से पानी के टैंकर भेजता है, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं।"
जल शक्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी मुताहिब अहमद के अनुसार, यह संकट पिछले साल की कम वर्षा और अत्यधिक सूखी सर्दियों का परिणाम है। इस वजह से कश्मीर के ग्लेशियर और जलस्रोतों का पुनःरिचार्ज होने में कमी आई है, जिससे कई झरने सूख गए हैं।
जल आपूर्ति की नई व्यवस्था
जल संकट को देखते हुए विभाग ने कई इलाकों में पानी की आपूर्ति के शिफ्ट को दो से तीन घंटे कम कर दिया है, ताकि सीमित जल स्रोतों का समान वितरण किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि जल आपूर्ति को नियंत्रित करना बहुत जरूरी हो गया है ताकि हर क्षेत्र में पानी की सही मात्रा पहुंच सके।
अवैध बूस्टिंग और उसकी समस्याएं
इसके अलावा, अधिकारियों ने अवैध इलेक्ट्रिक मोटरों के माध्यम से पानी की बूस्टिंग को भी एक बड़ी समस्या के रूप में पहचाना है। विभाग का कहना है कि इस अवैध प्रैक्टिस के कारण दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसे रोकने के लिए विभाग ने विशेष एनफोर्समेंट टीमों का गठन किया है।
लोगों से अपील
जल शक्ति विभाग ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे पानी का समझदारी से उपयोग करें और अवैध बूस्टिंग से बचें। साथ ही, अधिकारियों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे आगामी सर्दियों के मौसम के लिए पानी की बचत करें और निर्धारित नियमों का पालन करें ताकि संकट को और बढ़ने से रोका जा सके।
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