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Up kiran,Digital Desk : झारखंड के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनवरी 2026 में दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक मंच, दावोस जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका मकसद साफ़ है - झारखंड में विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए बुलाना और दुनिया को यह बताना कि इस राज्य में कितनी संभावनाएं हैं। यह दौरा 19 से 25 जनवरी 2026 के बीच होगा।

अधिकारियों की बड़ी टीम जाएगी साथ

यह कोई छोटा-मोटा दौरा नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अकेले नहीं जा रहे, बल्कि उनके साथ राज्य के 15-16 सबसे बड़े अधिकारियों की एक टीम भी स्विट्जरलैंड जाएगी। इस टीम में मुख्य सचिव से लेकर उद्योग विभाग के बड़े अधिकारी तक शामिल होंगे, जो वहां निवेशकों के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार रहेंगे। भारत सरकार का उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIIT) इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है, जिसने खास तौर पर झारखंड को इसमें शामिल होने का मौका दिया है।

पहली बार वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में झारखंड

यह पल झारखंड के लिए ऐतिहासिक होने वाला है। यह पहली बार है जब झारखंड इतने बड़े वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा। दावोस का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम वो जगह है, जहां दुनिया के सबसे अमीर निवेशक, उद्योगपति और कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ बैठते हैं। ऐसे में झारखंड को अपनी बात सीधे उन लोगों तक पहुंचाने का मौका मिलेगा, जो किसी भी राज्य की आर्थिक तस्वीर बदल सकते हैं।

खनिज, उद्योग और पर्यटन पर रहेगा ज़ोर

मुख्यमंत्री और उनकी टीम दुनिया भर के निवेशकों को बताएगी कि झारखंड सिर्फ खनिजों के लिए ही नहीं, बल्कि उद्योग और पर्यटन के लिए भी एक बेहतरीन जगह है। सरकार का प्लान है कि इस मंच का इस्तेमाल करके झारखंड को एक बड़े इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर पेश किया जाए।

दावोस के बाद यह टीम लंदन भी जाएगी। लंदन को निवेश और कारोबार का बड़ा सेंटर माना जाता है। वहां भारतीय मूल के कारोबारियों से मिलकर उन्हें झारखंड में निवेश के लिए प्रेरित करने की कोशिश की जाएगी। सरकार का मानना है कि इस दौरे से झारखंड की एक नई पहचान बनेगी और राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे।