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tariff dispute: 27 देशों वाला यूरोपीय संघ (ईयू) अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए पारस्परिक शुल्कों के जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। इससे 28 अरब डॉलर का अमेरिकी निर्यात अनिश्चितता के साये में आ गया है।

चीन ने पहले ही अमेरिकी आयात शुल्क के जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगा दिया है। कनाडा ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इसलिए, सोमवार को दुनिया भर के बाजारों में गिरावट आई। यूरोपीय संघ की संभावित कार्रवाई की खबर से दुनिया भर में हलचल मच गई है।

यूरोपीय संघ अमेरिका से आयातित अनेक वस्तुओं पर अतिरिक्त कर लगा सकता है, जिनमें दंत-धातु से लेकर हीरे तक शामिल हैं। इसके पहले बैच को मंजूरी देने की तैयारियां चल रही हैं। यूरोपीय आयोग यह निर्णय ले रहा है कि किन अमेरिकी वस्तुओं पर प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाया जाए। इसमें मांस, अनाज, शराब, लकड़ी, कपड़े, च्युइंग गम, डेंटल फ़्लॉस, वैक्यूम क्लीनर और टॉयलेट पेपर शामिल हो सकते हैं। सबसे चर्चित बॉर्बन भी कथित तौर पर संभावित करों की सूची में है।

50 प्रतिशत टैरिफ तय?

खबर है कि यूरोपीय आयोग ने अमेरिकी वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ निर्धारित किया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर यूरोपीय संघ को धमकी दी है। ट्रंप ने धमकी दी है कि यदि यूरोपीय संघ टैरिफ लगाता है तो वह यूरोपीय संघ के मादक पेयों पर 200 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगा देंगे।

एक गलत फैसला और हो जाएगा भारी नुकसान

यूरोपीय संघ अमेरिका के सबसे अहम व्यापारिक साझेदारों में से एक है। अमेरिका यूरोपीय वस्तुओं का सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार है। इस कड़ी में अमेरिकी टैरिफ का जवाब देना एक कष्टदायक कार्य साबित हो सकता है। यह यूरोपीय कंपनियों के लिए भी महंगा पड़ सकता है।  इसलिए सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही विशिष्ट उत्पादों पर लगाए जाने वाले कर की सही राशि पर विचार किया जाएगा। इस पर सदस्य देशों से प्रतिक्रिया मांगी जाएगी। इसके बाद ही उत्पादों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।