लोकसभा इलेक्शन में कांग्रेस ने चंडीगढ़ सीट से मनीष तिवारी को मैदान में उतारा है। इसके बाद पार्टी में मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। मनीष तिवारी को चुनावी रणभूमि में उतारने के बाद एक-दो नहीं बल्कि 36 नेताओं ने नाराजगी जताते हुए हाईकमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा मनीष तिवारी को उम्मीदवार बनाए जाने से पवन बंसल गुट नाराज है। इसके बाद पार्टी में इस्तीफे की रेस शुरू हो गई है।
सियासी रणभूमि में उतरने के बाद मनीष तिवारी पहली बार राजीव गांधी भवन पहुंचे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अलग अलग मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। बता दें कि इस मौके पर पवन बंसल गुट का कोई भी नेता मौजूद नहीं था। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है।
इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि आज सबसे बड़ी लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है। लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हम सभी को एक साथ आकर इस तानाशाह सरकार को करारा जवाब देना होगा।
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