Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त एक बड़ा चुनावी मुद्दा गरमाया हुआ है. प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य की मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या अचानक करीब चार करोड़ कम होने का गंभीर दावा किया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं को फौरन हर बूथ पर जुटने का स्पष्ट निर्देश दिया है. उनका आह्वान है कि वे पूरी जिम्मेदारी से यह सुनिश्चित करें कि हर पात्र नागरिक का नाम सूची में जोड़ा जाए.
'चार करोड़ का अंतर': कहाँ गए ये मतदाता?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद सामने आए आंकड़ों पर अपनी चिंता व्यक्त की. उनका कहना है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 16 करोड़ होनी चाहिए थी.
मगर, एसआईआर के बाद जो सूची सामने आई है, उसमें मतदाताओं की संख्या घटकर सिर्फ 12 करोड़ रह गई है. उन्होंने सवाल उठाया, "यह जो चार करोड़ का अंतर है, कहाँ गया?"
सीएम ने पिछले आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया, "जनवरी 2025 की मतदाता सूची में कुल 15 करोड़ 44 लाख नाम थे. 1 जनवरी 2026 को जो युवा 18 वर्ष के होंगे, वे भी मतदाता बनने के हकदार होंगे, तो यह संख्या बढ़नी चाहिए थी. लेकिन इसके उलट, संख्या बढ़ी नहीं, बल्कि घट गई है. अब यह 12 करोड़ रह गई है."
'आपका मतदाता' है यह चार करोड़ का समूह
योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि यह 'गायब' हुए चार करोड़ मतदाता कोई विरोधी नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि इस समूह में से 85 से 90 प्रतिशत मतदाता बीजेपी के समर्थक या वोटर हैं.
सौभाग्य से उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने एसआईआर फॉर्म जमा करने की समय सीमा को 14 दिन के लिए बढ़ा दिया है. सीएम ने जोर दिया कि कार्यकर्ताओं को इस बढ़े हुए समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना चाहिए. उन्होंने हर बूथ पर, घर-घर जाकर यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी पात्र व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हों.
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