
Up Kiran, Digital Desk: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया तेजी से बदल रही है, और इसका प्रभाव अब सीधे तौर पर कार्यस्थलों पर भी दिखने लगा है। हालिया एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कार्यबल में लगभग 43% कर्मचारी नए AI टूल्स को जल्दी और प्रभावी ढंग से अपनाने के प्रति उच्च स्तर का आत्मविश्वास व्यक्त कर रहे हैं। यह आंकड़ा न केवल AI के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि भारतीय कर्मचारी भविष्य की तकनीक के लिए तैयार हैं और डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation) को अपनाने के लिए उत्सुक हैं।
AI को अपनाने में भारतीय कर्मचारियों का बढ़ता आत्मविश्वास
यह सर्वेक्षण कार्यस्थलों पर AI उपकरणों को अपनाने के प्रति कर्मचारियों के दृष्टिकोण पर केंद्रित था। 43% कर्मचारियों का यह विश्वास कि वे AI को जल्दी अपना सकते हैं, कई महत्वपूर्ण कारकों की ओर इशारा करता है। इनमें AI के बारे में बढ़ती जागरूकता, AI संचालित उपकरणों के संभावित लाभों (जैसे उत्पादकता में वृद्धि, जटिल कार्यों का सरलीकरण) की समझ, और संभवतः कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रशिक्षण और विकास पहलें शामिल हो सकती हैं। यह दर्शाता है कि कर्मचारी AI को एक ऐसे उपकरण के रूप में देख रहे हैं जो उनके काम को आसान बना सकता है, न कि एक ऐसी चीज के रूप में जो उनकी नौकरियों को खतरे में डाल सकती है।
क्यों है यह आत्मविश्वास? AI और भविष्य की भूमिका
कर्मचारियों के इस आत्मविश्वास के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
AI की बढ़ी हुई दृश्यता: AI अब केवल विज्ञान-कथाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है, चाहे वह वॉयस असिस्टेंट हों या स्मार्टఫోन्स के फीचर।
सकारात्मक अनुभव: जिन कर्मचारियों ने पहले से ही कुछ AI-संचालित उपकरणों का उपयोग किया है, उन्हें उनके फायदे समझ आए होंगे।
प्रशिक्षण और विकास पर जोर: कई कंपनियां अब अपने कर्मचारियों को AI और संबंधित तकनीकों में प्रशिक्षित करने के लिए निवेश कर रही हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
डिजिटल साक्षरता में वृद्धि: समग्र रूप से डिजिटल साक्षरता में वृद्धि ने भी कर्मचारियों को नई तकनीकों को अपनाने के लिए अधिक सहज बनाया है।
AI के लाभों की पहचान: कर्मचारी यह समझने लगे हैं कि AI कैसे दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित (automate) कर सकता है, जिससे वे अधिक रचनात्मक और रणनीतिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
चुनौतियाँ और आगे का मार्ग
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि अभी भी 57% कर्मचारी ऐसे हैं जो AI को अपनाने के बारे में अनिश्चित हैं या आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं। इन कर्मचारियों के लिए, AI को अपनाने में बाधाएं या तो जानकारी की कमी, प्रशिक्षण की अनुपलब्धता, या AI के प्रति अंतर्निहित भय हो सकती है। कंपनियों के लिए यह आवश्यक है कि वे सभी कर्मचारियों को शामिल करते हुए एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाएं, ताकि कोई भी पीछे न छूटे। AI उपकरणों को अपनाने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्पष्ट संचार और निरंतर समर्थन महत्वपूर्ण होगा।
AI का भविष्य और कार्यबल का विकास
यह सर्वेक्षण भारतीय कार्यबल के लिए AI के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देता है। जैसे-जैसे AI तकनीकें अधिक परिष्कृत होती जाएंगी, कार्यस्थलों पर उनका एकीकरण और भी गहरा होगा। जो कर्मचारी और संगठन AI को अपनाने में सबसे आगे रहेंगे, वे निस्संदेह प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करेंगे। यह महत्वपूर्ण है कि व्यवसाय और सरकार मिलकर एक ऐसा माहौल बनाएं जहां AI को अपनाने की प्रक्रिया सभी के लिए सुलभ और फायदेमंद हो, जिससे भारत के लिए एक मजबूत और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण हो सके।
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