Up Kiran, Digital Desk: खगड़िया में शनिवार की रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के सत्ता समीकरण पर तीखा वार किया. उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाला महागठबंधन सरकार बनता है तो राज्य में फिर से 'जंगल राज' दिखाई देगा. शाह ने यह आरोप लगाते हुए मालूम किया कि महागठबंधन का शासकीय मॉडल अराजकता की ओर ले जा सकता है.
रैली में शाह ने एनडीए के पांच घटकों का जिक्र करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन में पाँच 'पांडव' हैं. उनका इशारा भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मंच की तरफ था. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की और कहा कि सिर्फ जेडीयू नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं.
शाह ने पिछले दशकों में अपराध दर में कमी का हवाला दिया और कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए ठोस कदम उठाए. उन्होंने यह दावा भी किया कि हाल के वर्षों में सुरक्षा मामलों में कड़ा रुख अपनाया गया और देश की सीमाओं के खिलाफ जवाबी कार्रवाई हुई. इस तालमेल को उन्होंने बिहार के विकास से जोड़ कर पेश किया.
महागठबंधन के SIR अभियानों और घुसपैठ से जुड़े मसलों पर शाह ने तीखे सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के कुछ नेताओं की प्राथमिकता घुसपैठियों की रक्षा दिखती है. साथ ही वंशवादी राजनीति पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि राजद के साथ-साथ कांग्रेस में भी वंशवाद दिखाई देता है. उन्होंने लालू-राबड़ी परिवार और गांधी परिवार के मामले भी उठाए ताकि वंशवादी प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला जा सके.
रैली में शाह के सीधे सवालों में एक प्रमुख विषय यही था कि चुनाव विकास के लिए है या अराजकता के लिए. उन्होंने भीड़ से पूछा कि क्या वे 'जंगलराज' चाहते हैं या विकास का राज. शाह ने दावा किया कि यदि एनडीए सत्ता में रहती है तो बिहार का विकास पूरे देश में इसकी पहचान बनेगा. उन्होंने मतदाताओं से सोच समझ कर मतदान करने की अपील की. (रिपोर्टर नोट: यह पार्टी लाइन के उद्धरणों पर आधारित बयान है.)
राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि इस तरह के मुठभेड़ भाषण चुनावी परिदृश्य में ध्रुवीकरण को तेज कर सकते हैं. विपक्ष पर लगे आरोपों के साथ-साथ शाह ने केंद्र की नीतियों और सुरक्षा पहल की उपलब्धियों का भी हवाला दिया. विपक्षी तरफ से मिली प्रतिक्रिया इस लेख में सम्मिलित नहीं है.
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