Up kiran,Digital Desk : सोमवार (24 नवंबर) का दिन भारतीय न्यायपालिका और हरियाणा के इतिहास के लिए स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। जस्टिस सूर्यकांत ने देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के तौर पर शपथ ली। एक तरफ राष्ट्रपति भवन में गरिमापूर्ण समारोह चल रहा था, तो दूसरी तरफ हिसार के एक छोटे से गांव 'पेटवाड़' में लोग खुशी से झूम रहे थे। ढोल बज रहे थे और लड्डू बंट रहे थे, आखिर उनके गांव का बेटा देश की सबसे बड़ी न्यायिक कुर्सी पर जो बैठा है।
जस्टिस सूर्यकांत 9 फरवरी 2027 तक इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। लेकिन शपथ के बाद जो कहानियां और यादें निकलकर सामने आईं, वो बताती हैं कि सफलता की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी इंसान अपनी जड़ों से कैसे जुड़ा रह सकता है।
बचपन के दोस्त बोले- वो आज भी हमारा 'सूर्या' है
सीजेआई बनने के बाद सबसे दिल छू लेने वाला किस्सा उनके स्कूल के दिनों का है। उनके साथ 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले किसान फूल कुमार भी बधाई देने पहुंचे थे। पुराने दिनों को याद करते हुए फूल कुमार की आंखें चमक उठीं। उन्होंने कहा, "स्कूल के दिनों में वो हमेशा पढ़ाई में होशियार था। मुझे याद है, जब सूर्या ने एडमिशन लिया था, तब मैं 9वीं कक्षा में दो बार फेल हो चुका था। लेकिन आज इतने बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी उसे हम सब के नाम याद हैं। उसके लिए हम आज भी उसके पुराने दोस्त ही हैं।" दोस्तों के लिए वो आज भी वही पुराना 'सूर्या' है।
हिसार से दिल्ली पहुंची वकीलों की फौज
जस्टिस सूर्यकांत ने 1984 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ करने के बाद हिसार कोर्ट में ही अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी। पुराने साथियों से उनका लगाव ऐसा है कि सोमवार को हिसार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के 136 वकील उन्हें बधाई देने दिल्ली पहुंच गए। वकील महेंद्र सिंह नैन ने बताया कि शपथ ग्रहण के बाद सीजेआई ने सभी से मुलाकात की, साथ में 'ब्रंच' (नाश्ता-खाना) किया और पुराने दिनों को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने वादा किया है कि वो जल्द ही हिसार और अपने गांव पेटवाड़ आएंगे।
गांव में होगा भव्य स्वागत
पेटवाड़ गांव की सरपंच उर्मिला और उनके पति सतबीर सिंह खुद राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे। सरपंच उर्मिला ने कहा कि पूरे गांव में जश्न का माहौल है। जब सीजेआई कांत वापस गांव आएंगे, तो गांव की चौपाल में उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। गांव के बुजुर्गों का सीना गर्व से चौड़ा है।
नेताओं ने कहा- हर हरियाणवी का सिर ऊंचा हुआ
इस मौके पर हरियाणा की सियासी हस्तियां भी बधाई देने में पीछे नहीं रहीं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक हरियाणवी का इतने ऊंचे पद पर पहुंचना पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। वहीं, राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे 'ऐतिहासिक क्षण' बताया। उन्होंने कहा कि हिसार के छोटे से गांव से निकलकर सुप्रीम कोर्ट तक का यह सफर उनकी मेहनत, धैर्य और काबलियत की मिसाल है। यह सिर्फ उनकी निजी उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मेहनती इंसान की जीत है।
वाकई, जस्टिस सूर्यकांत का यह सफर साबित करता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो गांव की पगडंडियों से निकलकर देश के सर्वोच्च न्यायालय तक का रास्ता तय किया जा सकता है।
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