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Up Kiran, Digital Desk: अक्सर हम ये मानकर चलते हैं कि जब तक हमें सब कुछ साफ़-साफ़ दिख रहा है, हमारी आँखें भी पूरी तरह से ठीक हैं. लेकिन कई बार आँखों की गंभीर बीमारियां बिना किसी दर्द या धुंधलेपन के चुपके से हमारे अंदर घर बना रही होती हैं. दुनिया भर में करोड़ों लोग आँखों की समस्याओं से जूझ रहे हैं, और इनमें से आधे से ज़्यादा मामलों में अगर समय पर ध्यान दिया जाता, तो शायद नज़र बचाई जा सकती थी.

इसलिए, अपनी आँखों के इन 7 इशारों को कभी भी हल्के में न लें, भले ही आपको लगे कि आपकी नज़र एकदम ठीक है.

1. अचानक आँखों के आगे धब्बे या बिजली चमकना: उम्र बढ़ने के साथ आँखों के सामने छोटे-मोटे धागे या धब्बे दिखना आम बात है. लेकिन अगर आपको अचानक से बहुत सारे धब्बे दिखने लगें, साथ में बिजली चमकने जैसा महसूस हो या ऐसा लगे जैसे आँखों के सामने कोई पर्दा आ गया है, तो यह रेटिना के फटने का संकेत हो सकता है. यह एक इमरजेंसी है और इसमें तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है, वरना आँखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है.

2. लाइट के चारों ओर गोल घेरे दिखना: अगर आपको बल्ब या किसी और रोशनी के चारों ओर रंगीन घेरे (इंद्रधनुष जैसे) दिखाई देते हैं, तो यह मोतियाबिंद की शुरुआत या काला मोतिया (ग्लूकोमा) का लक्षण हो सकता है. ख़ासकर, अगर इन घेरों के साथ सिरदर्द, उल्टी या आँखों में दर्द भी हो, तो इसे बिलकुल भी नज़रअंदाज़ न करें. भारत में मोतियाबिंद के बाद ग्लूकोमा अंधेपन का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.

3. आँखों में लगातार सूखापन या किरकिरापन: आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, घंटों स्क्रीन के सामने बैठने और एयर कंडीशनर में रहने से आँखों में सूखापन एक आम समस्या बन गई है. यह आमतौर पर सिर्फ़ तकलीफ देता है, लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहे, तो यह आँखों की बाहरी परत (कॉर्निया) को नुकसान पहुंचा सकती है. कभी-कभी यह किसी अंदरूनी ऑटोइम्यून बीमारी का भी पहला संकेत होता है.

4. आँखों में दर्द या दबाव महसूस होना: आँखों के पीछे दर्द, खिंचाव या भारीपन महसूस होना आँखों के अंदर बढ़े हुए प्रेशर या ग्लूकोमा का लक्षण हो सकता है. ]हालांकि, कभी-कभी यह साइनस या माइग्रेन की वजह से भी हो सकता है, लेकिन अगर यह दर्द बार-बार हो या बना रहे, तो डॉक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए.

5. रोशनी से आँखों का चौंधियाना: अगर आपको तेज़ रोशनी में देखने में बहुत ज़्यादा तकलीफ़ होती है, जिसे फोटोफोबिया कहते हैं, तो यह आँखों में किसी तरह के इन्फेक्शन या सूजन का संकेत हो सकता है. ये इन्फेक्शन कई बार बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं, इसलिए इनकी जांच जल्दी करवानी चाहिए.

6. दोहरी चीज़ें दिखाई देना (डबल विज़न): कभी-कभी थकान की वजह से चीज़ें दोहरी दिख सकती हैं, लेकिन अगर यह समस्या अचानक शुरू हुई है या लगातार बनी हुई है, तो यह किसी नस या मांसपेशी से जुड़ी गड़बड़ी का संकेत हो सकती है. यह थायराइड, मिनी-स्ट्रोक या डायबिटीज़ के मरीज़ों में नसों की कमज़ोरी की वजह से भी हो सकता है.

7. एक आँख से धुंधला या टेढ़ा-मेढ़ा दिखना: अगर आपको सीधी लाइनें भी टेढ़ी-मेढ़ी नज़र आती हैं या किसी एक आँख के बीच की नज़र धुंधली पड़ रही है, तो यह रेटिना के सबसे ज़रूरी हिस्से, यानी मैक्युला, में आई किसी खराबी की वजह से हो सकता है. डायबिटीज़ के मरीज़ों में यह समस्या आम है.

आँखों की ज़्यादातर गंभीर बीमारियां चुपचाप आती हैं. इसलिए, चालीस की उम्र के बाद, या अगर आपको डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर या परिवार में ग्लूकोमा का इतिहास रहा है, तो साल में एक बार आँखों की जांच ज़रूर कराएं. याद रखें, गई हुई रोशनी हमेशा वापस नहीं आती, लेकिन हर बीमारी जाने से पहले एक इशारा ज़रूर करती है.