Up Kiran, Digital Desk: बिहार का मोकामा विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कहानी कुछ और ही है। हाल ही में यहां गुरुवार दोपहर जन सुराज और जेडीयू समर्थकों के बीच एक हिंसक संघर्ष हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 75 साल के दुलारचंद यादव की जान चली गई। यह घटना तब घटी जब जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी और जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह का काफिला एक ही स्थान पर आकर भिड़ गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले पथराव हुआ और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। इस दौरान दुलारचंद को गोली लगी और बाद में वह एक वाहन की चपेट में आकर घायल हो गए। इसके अलावा करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं।
राजनीतिक हिंसा की गहरी जड़ें
मोकामा की राजनीति एक लंबे समय से बाहुबली नेताओं और अपराध से जुड़ी रही है। यह इलाका विशेष रूप से भूमिहार समुदाय के बाहुबली नेताओं के प्रभाव में रहा है। दुलारचंद यादव, जो पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी प्रमुख लालू यादव और अनंत सिंह के करीबी सहयोगी रहे थे, इस क्षेत्र के कुछ गिने-चुने गैर-भूमिहार नेताओं में से थे। उनकी संदिग्ध आपराधिक पृष्ठभूमि इस इलाके की राजनीति के जटिल ताने-बाने को दर्शाती है। दुलारचंद के खिलाफ 1991 से 2010 तक कुल 11 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, अपहरण और रंगदारी जैसे गंभीर आरोप शामिल थे।
जन सुराज पार्टी का उभरता प्रभाव
वर्तमान में मोकामा के चुनावी मैदान में नया मोड़ तब आया जब दुलारचंद यादव ने इस बार जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी को समर्थन देने का निर्णय लिया। जन सुराज पार्टी की बढ़ती ताकत और पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर की लोकप्रियता ने इलाके की राजनीतिक धारा को एक नया दिशा देने का प्रयास किया है। हालांकि, अनंत सिंह और दुलारचंद के बीच तनाव इस संघर्ष का मुख्य कारण माना जा रहा है।
अनंत सिंह और उनका विवादित इतिहास
मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह की राजनीति हमेशा विवादों से घिरी रही है। उन्हें 'छोटे सरकार' के नाम से जाना जाता है और उनका इस सीट पर प्रभाव लगभग दो दशकों से कायम है। अनंत सिंह के खिलाफ 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, अपहरण और हथियारों के अवैध कब्जे जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। वर्ष 2019 में, उन्हें यूएपीए मामले में दस साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2024 में पटना हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया।
आरजेडी की नई उम्मीद: वीणा देवी का उम्मीदवार बनना
इस चुनावी हलचल के बीच आरजेडी ने मोकामा से वीणा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वीणा देवी, जो सुरजभान सिंह की पत्नी हैं, को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं। सुरजभान सिंह, जो भूमिहार समुदाय से आते थे और जिन पर 26 आपराधिक मामले दर्ज थे, पहले इस सीट से विधायक रह चुके थे। हालांकि, वह वर्तमान में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित हैं। ऐसे में आरजेडी ने वीणा देवी को अपने पक्ष में खड़ा किया है, और यह चुनावी संघर्ष अब और भी पेचीदा हो गया है।
चुनाव आयोग की नजर और प्रशासन की तैयारियां
चुनाव आयोग ने मोकामा में हुई हिंसा पर गंभीर प्रतिक्रिया देते हुए रिपोर्ट तलब की है। पुलिस ने इस मामले में चार एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से एक एफआईआर दुलारचंद यादव के परिजनों द्वारा अनंत सिंह के खिलाफ दर्ज कराई गई है, जबकि दूसरी एफआईआर अनंत सिंह के समर्थकों ने जन सुराज कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज की है।

_170965332_100x75.png)
_838147766_100x75.png)
_137707157_100x75.png)
